Animal Fodder: मीथेन गैस के उत्सर्जन को कम करेगा ये पशु आहार, पशुओं में बढेगी दूध की मात्रा
Best Animal Feed: पशु चारा संकट और लंपी डिजीज के दौर में पशुओं को सही पोषण देना तो मुश्किल हो रहा है. ऐसे में पशुओं को आईसीएआर के वैज्ञानिकों द्वारा इजाद किया गया हरित धरा पशु आहार खिला सकते हैं.
Feed Suppliment for Cattles: भारत सरकार अब दूध उत्पादन (Milk Production) के क्षेत्र में किसानों और पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रही है. हमारे वैज्ञानिकों भी पशुओं के बेहतर स्वास्थ्य और अधिक दूध उत्पादन हासिल करने के लिये एको फ्रैंडली उपायों पर काम कर रहे हैं. यही कारण है कि दुधारु पशुओं को समय टीके लगवाने(Animal Vaccination), उन्हें पशु आहार खिलाने और साफ-सफाई से लेकर उनकी अच्छी देखभाल करने की सलाह दी जाती है.
यह साल किसानों के साथ-साथ दुधारु पशुओं (Cattles)के लिये काफी कठिन रहा है. कभी चारा संकट तो अब लंपी त्वचा रोग (Lumpy Skin Disease) ने जैसे पशुओं और पशुपालकों में तनाव पैदा कर दिया है. पशुओं को सही पोषण देना तो जैसे मुश्किल होता जा रहा है. ऐसे में पशुओं को आईसीएआर (ICAR) के वैज्ञानिकों द्वारा इजाद किया गया हरित धरा पशु आहार (Harit Dhara Animal feed) खिला सकते हैं.
पशु आहार के फायदे
बता दें कि हरित धरा पशु आहारा एक एंटी-मीथेनोजैनिक फीड सप्लीमेंट है, जो ना सिर्फ पशुओं में दूध की मात्रा को बढ़ाता है, बल्कि पशुओं से उत्सर्जित होने वाली मीथेन गैस को 17 से 20 प्रतिशत कम करके दुधारु पशुओं को बेहतर स्वास्थ्य का वरदान देता है. ये पशु आहार गाय और भैंस के अलावा भेड़ को खिलाया जा सकता है. ये पशु आहार खिलाने पर मवेशियों का पाचन तंत्र मजबूत बनता है. साथ ही रोजाना दूध उत्पादन में भी 0.4 किलो से 0.5 किलो तक की बढोत्तरी होती है.
इस कारण होता है मीथेन उत्सर्जन
पशुओं का पाचन भी ठीक इंसानों की तरह ही काम करता है. एक जैसा खाना खाने या ज्यादा खाने पर जैसे लोगों का पाचन प्रभावित होता है. उसी तरह एक जैसा पशु चारा खिलाने पर पशुओं की सेहत पर भी बुरा असर पड़ात है. खासकर पशुओं को सिर्फ भुसी या कृषि अवशेष खिलाने पर ये मामले सामने आते हैं. ऐसी स्थिति में संतुलित पशु आहार, चारा, साइलेज और भी कई देसी और प्राकृतिक पोषक तत्व खिलाने की सलाह दी जाती है. हरित धरा पशु आहार इन सभी पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता है.
क्या कहते हैं आंकड़े
पशुओं से मीथेन उत्सर्जन पर वैश्विक आंकड़ों की बात करें तो औद्योगिक कारणों के मुकाबले मवेशियों से करीब 50 से 100 प्रतिशत तक मीथेन का उत्सर्जन होता है, जो ग्रीन हाउस गैसों को निर्माण कर ग्लोबल वार्मिंग की समस्या पैदा कर सकती है. सबसे ज्यादा मीथेन बेल्चिंग मवेशी, भैंस, भेड़ तथा बकरियों से उत्सर्जित होता है. ये मवेशी सालाना 9.25 मिलियन टन से 14.2 मिलियन टन मीथेन गैस (Methane Gas) का उत्सर्जन करते हैं, जो चिंता का विषय है, इसलिये पशुपालक और किसानों को पशुओं की सेहत के लिये देसी पशु आहारों (Animal Nutrition) के साथ-साथ वैज्ञानिक तरीके से सोचकर भी हरित धरा पशु आहार (Harit Dhara Feed Suppliment)को चुनना चाहिये.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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