Agri Export: पिछले कुछ वर्षों में भारत के कृषि उत्पादों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति हासिल की है. भारत के फल, सब्जी, अनाजों की कई देशों में मांग है. इनकी ब्रांड वैल्यू डेवलप करने में एपीडा ने भी अहम रोल अदा किया है. यह एपीडा के ही सफल प्रयास है कि आज भारत के कृषि उत्पादों में पूरी दुनिया का विश्वास बढ़ गया है. कृषि उत्पादों के एक्सपोर्ट बढ़ाने में है एपीडा का योगदान सच में काबिल-ए-तारीफ है. अब भारतीय कृषि उत्पादों की ब्रांड वैल्यू डेवलप करने के लिए कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद एवं निर्यात विकास प्राधिकरण यानी या एपीडा ने एक नया प्लान बनाया है, जिसके तहत भारतीय नदियों के घाटियों में पैदा होने वाले कृषि उत्पादों की नदियों के नाम से ही ब्रांडिंग की जाएगी.


नदियों के नाम पर बिकेंगे भारतीय कृषि उत्पाद 
बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, गंगा, ब्रह्मपुत्र, कावेरी और गोदावरी समेत भारत की प्रमुख नदियों के घाटी में पैदा होने वाले कृषि उत्पादों को चिन्हित किया जा रहा है. एपीडा के अध्यक्ष एम अंगमुथु बताते हैं कि हमारे पास एक से बढ़कर एक कृषि और खाद्य उत्पादों श्रंखला है. इनमें से कई कृषि उत्पादों ने स्थानीय और राज्य स्तर पर अपनी पहचान कायम की है.


कुछ कृषि उत्पादों को जीआई टैग भी मिला है. इस रणनीति को आगे बढ़ाते हुए एपीडा एक शानदार एग्री प्रोडक्ट्स का बाजार विकसित करने जा रहा है, जिनकी ब्रांडिंग नदियों के नाम पर की जाएगी. इस प्लान के तहत भारतीय नदियों का नाम या टैग लाइन इस्तेमाल करके इन कृषि उत्पादों को बेचने की योजना है.


भारतीय रेस्टोरेंट बनेंगे एपीडा का सहारा 
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन एग्री प्रोडक्ट को प्रमोट करने और इनकी उपलब्धता और उपभोग को बढ़ाने के लिए है एपीडा फिलहाल विदेश में मौजूद भारतीय रेस्टोरेंट पर फोकस कर रहा है.


इस मामले में जानकारी देते हुए एपीडा के अध्यक्ष एम अंगमुथु बताते हैं कि भारत के जीआई टैग उत्पादों को विदेशी धरती पर खूब पसंद किया जा रहा है. बाजार में इन उत्पादों को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है. इस कड़ी में पिछले साल हमने 101 से ज्यादा जीआई टैग उत्पादों का निर्यात किया है.


कृषि का निर्यात बढ़ाने के लिए अब एपीडा विदेश में मौजूद भारतीय रेस्त्रां के साथ जुड़ने की योजना बना रहा है, क्योंकि भारत के कृषि उत्पादों की स्वीकार्यता बढ़ाने में यह अहम रोल अदा करते हैं. आपको बता दें कि दूसरे देशों में करीब 1.5 से ज्यादा भारतीय रेंस्त्रा हैं.


200 से ज्यादा देशों में फैला है कृषि निर्यात का नेटवर्क 
भारत के कृषि निर्यात के नेटवर्क की जानकारी देते हुए एपीडा के अध्यक्ष एम अंगमुथु बताते हैं कि पिछले साल भारत में 200 से ज्यादा देशों को देसी कृषि उत्पादों का निर्यात किया है, जबकि पिछले 10 साल में सिर्फ 150 देशों तक ही भारत के फल, सब्जी, अनाज पहुंच रहे थे.


आज भारत का कृषि क्षेत्र पहले से काफी मजबूत हुआ है. हम कृषि निर्यात के मामले में आठवें पायदान पर हैं. जिसे साल 2030 तक टॉप 5 देशों में शामिल करने की प्लानिंग है. इस प्लान में एपीडा का अहम रोल है.


यदि निर्यात के आंकड़ों पर नजर डालें तो करंट सीजन में अप्रैल से नवंबर के दौरान एपीडा ने कृषि निर्यात के जरिए 17.4351 अरब डॉलर का बिजनेस किया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 15.072 अरब डॉलर तक ही सीमित था. साल 2021-22 के बारिश के दौरान भारतीय कृषि निर्यात में उछाल देखा गया. इस दौरान एपीडा ने 24.74 अरब डॉलर का निर्यात किया है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


यह भी पढ़ें:- मशरूम यूनिट लगाने पर सरकार दे रही किसानों को 8 लाख का अनुदान, ये है प्रोसेस