Apple Farming In Himachal Pradesh: पहाड़ी क्षेत्र में किसान बड़े पैमाने पर सेब की खेती करते हैं. हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर में सेब की अधिक उपज होती है. किसान भी देश के अलग अलग राज्यों में सेब की सप्लाई करते हैं. वहीं भारत के सेब को विदेशों में भी खासा पसंद किया जाता है. सेब कारोबार को लेकर राज्य सरकार नए नए नियम भी बनाती रहती हैं. अब हिमाचल सरकार ने इसी दिशा में कदम उठाए हैं. हिमाचल की मंडियों में आढ़तियों को सेब बिक्री के लिए कुछ नए नियम बनाए हैं. इन नियमों का पालन करना आढ़तियों के लिए जरूरी होगा. 


आढ़तियों को देना होगा शपथपत्र


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बागवानी, जनजातीय और राजस्व मंत्री ने इसको लेकर निर्देश जारी कर दिए हैं. अब हिमाचल प्रदेश की मंडियों मे ंआढ़तियों को किलो के हिसाब से मंडी समिति को सेब बेचने के लिए एक शपथ पत्र देना होगा. शपथ पत्र में आढ़तियों को लिखना होगा कि किसी भी बागवान का पिछले सीजन का पैसा उस पर बकाया नहीं है. वजन मापने की इलेक्ट्रॉनिक मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा. ऑक्शन यार्ड पर उन्हीं सेब के डिब्बों को बेचा जाएगा, जिनपर वजन लिखा होगा. वजन 24 किलो से अधिक नहीं होगा. 


वजन मापने की मशीनें लगेंगी


राज्य सरकार ने आढ़तियों को निर्देशित किया है कि 10 मई से पहले वजन मापने की इलेक्ट्रॉनिक मशीनें लगा ली जाएं. इनका सत्यापन मेट्रोलॉजी अधिनियम के तहत होगा. यदि कोई आढ़ती मशीन नहीं रखता है या सत्यापन नहीं कराता है तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. यदि इसी तरह का व्यवहार आढ़ती जारी रखता है तो उसे ब्लैक लिस्ट तक किया जा सकता है. 


सेब उत्पादकों को नहीं होगा नुकसान


सेब उत्पादकों को किसी तरह का नुकसान न हो. उनका सेब कम वजन पर न चला जाए. इसको लेकर राज्य सरकार ने कदम उठाए हैं. राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि इस सीजन में सेब बिक्री के नियमों का कड़ाई से पालन किया जाएगा. यदि कोई उल्लंघन करता मिला तो उसका लाइसेंस हिमाचल कृषि एवं बागवानी उत्पाद विपणन (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 2005 की धारा 26 के तहत रद्द/निरस्त कर दिया जाएगा. जरूरत पड़ने पर आढ़तियों को ब्लैक लिस्ट भी कर दिया जाएगा. 


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