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Agriculture Scheme: धान से परेशान किसानों के लिए वरदान बनेगी 'वैकल्पिक खेती योजना', इस तरह आवेदन करें और फायदा उठाएं
Jharkhand Agriuclture: इस योजना से राज्य के 5 लाख किसानों को जोड़ा जा रहा है, ताकि धान की जगह दलहनी, तिलहनी एवं सब्जियों की खेती कर सकें और 50% अनुदान का लाभ लेकर आर्थिक संकट से निकाल सकें.
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Jharkhand Vaikalpik Kheti Yojana: इस साल मानसून (Monsoon 2022) का रुख कुछ साफ नहीं रहा. कुछ इलाकों में बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई तो झारखंड (Jharkhand Monsoon) से कुछ राज्यों में पानी की एक बूंद भी ठीक से नहीं गिर पाई. जलवायु परिवर्तन की इस गंभीर समस्या के कारण झारखंड के किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ गया. राज्य में बारिश की कमी के कारण धान की खेती (Paddy Farming) नहीं हो पाई और ज्यादातर किसानों को खेत खाली ही रह गये.
इस समस्या के बीच किसानों को राहत प्रदान करने के लिये झारखंड कृषि विभाग (Jharkhand Agriculture Department) ने वैकल्पिक खेती का उपाय निकाला है. इसके तहत किसानों को धान की जगह दूसरी फसलों की खेती के लिये प्रेरित किया जा रहा है. इस काम में किसानों की सहायता के लिये वैकल्पिक खेती योजना (Jharkhand Vaikalpik Kheti Yojana) भी चलाई जा रही है, जिसके तहत किसानों को दलहनी , तिलहनी एवं सब्जियों की खेती करने के लिये बीजों की खरीद पर आर्थिक सहायता दी जायेगी.
5 लाख किसानों को मिलेगा फायदा
वैकल्पिक खेती योजना तहत झारखंड के किसानों को धान की जगह अरहर, उरद, कुलथी, मक्का, तोरिया , मूंग, ज्वार और मडुआ की कम अवधि वाले और सूखा रोधी बीजों के लिये अनुदान दिया जायेगा, जिसकी मदद से कम बारिश या सूखा ग्रस्त इलाकों में भी खेती करके किसान आर्थिक संकट से निकल पायेंगे. इस योजना से राज्य के 5 लाख किसानों को जोड़ा जायेगा.
कहां करें संपर्क
झारखंड वैकल्पिक खेती योजना से जुड़ने पर किसानों को सूखारोधी कम अवधि वाले उड़द प्रभेद PU-31 बीजों को 50% अनुदान पर मुहैया करवाया जायेगा. किसान चाहें तो इन बीजों को मात्र 64 रुपये प्रति किलो पर खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड के किसान उत्पादक संगठन 'तोरपा महिला कृषि बागवानी स्वालंबी सहकारी समिति लिमिटेड' से संपर्क करके मंगवा सकते हैं.
- अधिक जानकारी के लिये अपने नजदीकी जिले के राज्य कृषि विभाग के कार्यलय में संपर्क करके अधिक जानकारी ले सकते हैं.
- किसान चाहें तो 'तोरपा महिला कृषि बागवानी स्वाबलंबी सहकारी समिति लिमिटेड' के CEO प्रिय रंजन से संपर्क करके ब्लॉक चैन प्रणाली में अपना पंजीकरण करवा सकते हैं.
ये दस्तावेज लगेंगे
- किसान का स्थाई प्रमाण पत्र
- किसान का आधार कार्ड
- किसान का आय प्रमाण पत्र
- किसान का आधार से लिंक मोबाइल नंबर
- बैंक खाते का विवरण या बैंक पासबुक की कॉपी
- किसान का पासपोर्ट साइज फोटो
इन किसानों को मिलेगा फायदा
झारखंड की वैकल्पिक खेती (Alternative Farming in Jharkhand) के लिये झारखंड सरकरा ने पात्रता निर्धारित की है, जिसके तहत सिर्फ झारखंड राज्य के निवासी खेतिहर किसानों को ही बीजों की खरीद 50% अनुदान (Subsidy for Farmers of Jharkhand)का लाभ दिया जायेगा.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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