आम आदमी के लिए वो समय बहुत खुशी वाला होता है, जब उसके किसी मतलब की चीज की कीमत कम होती है. दाल हर घर में इस्तेमाल होता है, यहां तक कि कुछ राज्यों में तो हर दिन दाल बनती है. ऐसे में जब यह खबर आई कि आने वाले समय में दाल की कीमते कम होने वाली हैं तो लोगों के बीच खुशी की लहर दौड़ पड़ी. दरअसल, सरकार ने जमाखोरी को रोकने के लिए और दाल की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए शुक्रवार को थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, आयातकों और मिल मालिकों के लिए अक्टूबर तक अरहर और उड़द दाल के लिए भंडारण की सीमा तय कर दी गई है.


क्या है अभी कीमत?


केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अरहर दाल की कीमत अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य, 2 जून को 19 प्रतिशत बढ़कर 122.68 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है. जबकि, एक साल पहले यह 103.25 रुपये प्रति किलोग्राम था. वहीं उड़द का औसत खुदरा मूल्य उसी समय में 5.26 प्रतिशत बढ़कर 110.58 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है, जबकि उक्त अवधि में उड़द दाल की कीमत 105.05 रुपये प्रति किलोग्राम था.


मिल मालिकों के लिए नियम क्या हैं?


मंत्रालय द्वारा दिए गए आधिकारिक बयान के मुताबिक, मिल मालिकों के लिए भंडारण सीमा पिछले 3 महीनों का उत्पादन या सालाना क्षमता का 25 प्रतिशत रहेगी. इसमें वही मान्य होगा, जो सबसे ज्यादा होगा. जबकि आयातकों को सीमा शुल्क की मंजूरी मिलने के 30 दिन से ज्यादा समय तक भंडारण करने की अनुमति नहीं है.
वहीं मंत्रालय की ओर से संबंधित वैधिक संस्थाओं से कहा गया है कि वह उपभोक्ता मामलों के आधिकारिक पोर्टल पर स्टॉक की मौजूदा स्थिति दर्ज करा दें. वहीं अगर किसी के पास स्टॉक निर्धारित सीमा से ज्यादा है तो उन्हें नॉटिफिकेशन जारी होने के 30 दिन के अंदर अपने माल को निर्धारित स्टॉक तक लाना होगा.


ये भी पढ़ें: कभी देखा है सफेद आम, बाली में होता है दुनिया का सबसे अनोखा वानी आम