PM Kisan Non-Beneficiary Farmer: एक तरफ देशभर के पीएम किसान योजना की 13वीं किस्त का इंतजार कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ अपात्र किसानों से वसूली और कार्रवाई का सिलसिला भी जारी है. हाल ही में जारी रिपोर्ट्स के मुताबिक, असम में 12 लाख अपात्र किसानों की पहचान की गई है, जो गलत तरीके से पीएम किसान योजना की किस्तों का लाभ ले रहे हैं. इस मामले पर संज्ञान लेकर असम की सरकार ने गुवाहटी हाइकोर्ट को पहले ही सूचित किया था, जिसके बाद अब हाईकोर्ट ने इन गतिविधियों में संलिप्त किसान और अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है.
नियमों का पालन करें सरकार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गैर सरकारी संगठन अमगुरी नबा निर्माण समिति ने एक जनहित याचिका दायर की थी, जिस पर मुख्य न्यायाधीश आरएम छाया के साथ न्यायमूर्ति सौमित्र सैकिया की खंडपीठ ने असम सरकार को आदेश दिया है कि भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए. 25 नवंबर को जारी अपने आदेश में न्यायमूर्ति सौमित्र सैकिया ने यह भी कहा है कि अब से पीएम किसान के लाभार्थियों को वित्तीय सहायता मुहैया करने के लिए राज्य सरकार को पीएम किसान योजना के दिशा-निर्देशों और नियमों का पालन करना होगा.
फरवरी में पकड़े गए 11.72 लाख किसान
गुवाहटी हाइकोर्ट ने प्रशासन को एक सदस्यीय जांच रिपोर्ट पर भी विचार करने की हिदायत भी दी है, जो साल 2020 में पूर्व मुख्य सचिव जिष्णु बरुआ के मार्गदर्शन में तैयार की गई थी. बता दें कि इसी रिपोर्ट का हवाला देकर कृषि विभाग के संयुक्त सचिव गुनाजीत कश्यप ने फरवरी में एक हलफनामे में अदालत को सूचित किया कि 11.72 लाख अपात्र लोगों को पीएम-किसान योजना के तहत लाभ मिला.
पोर्टल से भी जुड़े 734 फर्जी किसान
असम सरकार को जारी आदेश में उच्च न्यायालय ने यह भी कहा है कि "यह रिकॉर्ड्स में दर्ज है कि 16 जिला कृषि अधिकारियों के साथ 98 कृषि विकास अधिकारी अभी तक विभागीय जांच के अधीन हैं. इस मामले में बोंगाईगांव जिले के जिला कृषि अधिकारी ने एफआईआर भी दर्ज करवाई है, जिसके आधार पर कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है. ये वही 734 लोग हैं, जो गलत तरीके से pmkisan.gov.in वेबसाइट से जुड़े थे.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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