![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/Premium-ad-Icon.png)
Red Rice Cultivation: दुनियाभर में फेमस हुआ असम का लाल चावल, जैविक विधि से उगाने पर मिलेगा डबल मुनाफा
Indian Red Rice: इसके निर्यात से ब्रह्मपुत्र के बाढ़ वाले इलाकों में किसानों को आर्थिक मजबूती मिलेगी और वे इसका बेहतर उत्पादन कर पायेंगे.
![Red Rice Cultivation: दुनियाभर में फेमस हुआ असम का लाल चावल, जैविक विधि से उगाने पर मिलेगा डबल मुनाफा Assam's Organic red rice exported in many contries & became famous all over the world Red Rice Cultivation: दुनियाभर में फेमस हुआ असम का लाल चावल, जैविक विधि से उगाने पर मिलेगा डबल मुनाफा](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/06/28/a0322685e406c2e0730dbfcee3c3c367_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Organic Farming of Red Rice: भारत में पौराणिक काल से ही जैविक खेती करने का चलन है, हालांकि उस समय लोगों को कृषि तकनीकों (Farming Technique) का ज्ञान नहीं था, लेकिन आज के आधुनिक दौर में कृषि तकनीकों के बावजूद जैविक खेती से उगाये गये फल और सब्जियों की काफी मांग रहती है. खासकर भारत की मिट्टी में जैविक विधि (Organic Farming) से उगाये गये फल और सब्जियां दुनिया भर में पसंद किये जाते हैं. बात करें चावल के निर्यात की, तो भारत के चावल की 15 उन्नत किस्में विदेशों में बड़े पैमाने पर निर्यात (Rice Export) की जाती हैं. इसमें सबसे ज्यादा लोकप्रिय किस्म है असम के लाल चावल(Red Rice) की.
क्यों फेमस है लाल चावल
आयरन से भरपूर 'लाल चावल' असम की ब्रह्मपुत्र घाटी में जैविक विधि से उगाया जाता है. लाल चावल की किस्म को 'बाओ-धान' कहा जाता है, जो असमिया भोजन का अटूट हिस्सा है. असम के किसान लाल चावल को बिना किसी रासायनिक खाद की मदद से उगाते हैं. विदेशों में इसके निर्यात से ब्रह्मपुत्र के बाढ़ वाले इलाकों में किसानों को आर्थिक मजबूती मिलेगी और किसान अच्छी आमदनी के लिये इसका बेहतर उत्पादन कर पायेंगे.
विदेशों में लाल चावल का निर्यात
भारत में चावल की 15 किस्मों को जीआई टैग मिला हुआ है, यानी ये किस्में भारत की धरती में ही उपजती हैं. अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरने के बाद ही इन किस्मों को विदेशों में मांग के हिसाब से निर्यात किया जाता है. खासकर जैविक विधि से उगाये गये लाल चावल की सबसे ज्यादा मांग अमेरिका में होती है. खासकर साल 2021 में लाल चावल की बड़ी खेप हरियाणा से संयुक्त राज्य अमेरिका को निर्यात की गई, जिसकी वहां काफी सराहना की गई.
लाल चावल की खासियत
- जैविक विधि(Organic Farming) से उगाये जाने के कारण लाल चावल में कई पोषक तत्व पाये जाते हैं.
- लाल चावल (Red Rice) में मौजूद एंथोसाइनिन (anthocyanin)के कारण ही चावल का रंग लाल होता है.
- एक रिसर्च के मुताबिक, दिल की बीमारियां और कॉलेस्ट्रॉल को दूर करने के लिये लाल चावल में औषधीय गुण(Medicinal Properties) होते हैं.
- इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती और शरीर मजबूत बनता है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
इसे भी पढ़ें:-
Rice Farming Tips: धान की नर्सरी में कहीं कीड़ों की दावत न हो जाए, पौधशाला में डालें ये वाला कीटनाशक
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![तहसीन मुनव्वर](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/3df5f6b9316f4a37494706ae39b559a4.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)