Lemon Farming: भारत के कृषि क्षेत्र ने काफी तरक्की की है. पिछले कुछ सालों में यहां कृषि उत्पादन के साथ निर्यात (Agriculture Export) में भी बढ़त दर्ज की गई है. देश के जीआई टैग कृषि उत्पादों को आज दुनियाभर में पहचान मिल रही है. इन्हीं में शामिल है असम का काजी नेमू (Kaji Nemu), पूर्वोत्तर की जमीन पर पैदा होने वाला ये नींबू लंदन और दुबई के बाजारों में खूब धूम मचा रहा है. वहां काजी नेमू की डिमांड सालभर बनी रहती है. अब विदेशी भी इसके स्वाद और खुशबू के ऐसे दीवाने हुए हैं कि इसका छिलका तक नहीं फेंकते. 


काजी नेमू की खेती


काजी नेमू, नींबू की एक स्वदेशी प्रजाति है, जो असमिया रसोई का भी प्रमुख हिस्सा है. ये बीज रहित नींबू असम के कई दुर्गम इलाकों में उगाया जा रहा है. इन दिनों ये इसलिए भी चर्चा में है, क्योंकि अब इसकी खेती ऐसे इलाके में भी हो रही है, जहां कभी विद्रोहियों का ट्रेनिंग सेंटर हुआ करता था. असम के औहता गांव में इसकी बागवानी बड़े पैमाने पर की जा रही है.


इस इलाके के करीब 2,000 किसान परिवार काजी नेमू की खेती करते हैं. वैसे तो किसानों के लिए धान एक मुख्य फसल है, लेकिन दो बीघा जमीन पर नींबू के पेड़ भी लगाए हुए हैं. आज डिब्रूगढ़ जिला नींबू की इस किस्म (Top Lemon Variety) का बड़ा उत्पादक बन उभरा है. आंकड़ों के मुताबिक, असम में सालाना करीब 1 लाख टन काजू नेमू का उत्पादन होता है, जिसकी एक बड़ी खेप विदेशों में निर्यात कर दी जाती है. 


किसान उत्पादक संगठन ने दिलाए सही दाम


वैसे तो काजी नेमू असल की ही उपज है. ये स्वदेसी प्रजाति कई सालों ने यहां की शान रही है, लेकिन साल 2020 में नीलांचल एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी ने काजी नेमू की बिक्री के लिए देश-विदेश में अवसरों की तलाश की और  एपीड़ा की मदद से किसानों को इसके काफी अच्छे दाम भी दिलवाए.


जहां पहले काजी नेमू सिर्फ 9 से 10 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिकता था. वहीं अब किसानों को 35 रुपये किलोग्राम के हिसाब से भुगतान मिलने लगा. कभी बाजारों में इसे सिर्फ 40 पैसा किलोग्राम के हिसाब से बेचा जाता था, लेकिन इसका विदेशी निर्यात बढ़ने से किसानों को आर्थिक मजबूती मिली है. हाल ही में इसके करीब 4,000 पीस विदेश में निर्यात किए गए हैं. 


काजी नेमू की खासियत


सबसे खास बात ये है कि लंदन और दुबई जैसे देशों में काजी नेमू (Kaji Nemu) के सबसे ज्यादा ग्राहक भारतीय और बांग्लादेशी हैं, जो अब इसकी लगातार डिमांड करते रहते हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो असम का ये काजी नेमू नींबू एक ‘एक्सीडेंटल’ फ्रूट (Accidental Fruit) है, जिसकी खोज अचानक से हुई. इसका पौधा बर्निहाट सिट्रस स्टेशन पर एक चांस सीडलिंग से पैदा हुआ, जिसे साल 2020 में जीआई टैग (GI Tag Kaji Nemu Lemon) मिला.


यह दिखने में तो किसी टेबल टैनिस बॉल जैसा है, लेकिन इसकी खुशबू, स्वाद, आकार और इसकी बीज रहित बनावट ही बाकी प्रजातियों से अलग बनाती है. ये नींबू आकार में बाकी नींबूओं से तीन गुना ज्यादा बड़ा है और इसमें 1.08-2.10 ग्राम / 100 मिलीलीटर रस अधिक निकलता है.


ये नींबू (Kaji Nemu Lemon) की सदाबहार किस्म है, जो सालभर फल देती है. इस किस्म के नींबूओं का अधिक वदन होने के बावजूद पेड़ से एक भी नींबू नहीं गिरता और नुकसान की संभावना भी  कम रहती है. फिलहाल असल के किसानों को काजी लेमन के साथ पपीता, अनानास और ड्रैगन फ्रूट की इंटर क्रॉपिंग (Intercropping of Kaji Lemon) करने की सलाह दी जा रही है. 


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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