UttarPradesh government: अब कृषि काम का कम से कम इतना पैसा मिलेगा, सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन
फैक्ट्री हो या फार्म मजदूरों का शोषण पेमेंट के मामले में हर जगह होता है. उत्तर प्रदेश सरकार ने अब ऐसा ही कदम उठाया है जिससे हर महीने न्यूनतम मजदूरी उनकी जेब में आ सकेगी.
फर्मों या अन्य फील्ड में लगे लोगों को काम के बराबर वेतन या मानदेय नहीं मिल पाता है. मजदूर पूरे दिन काम कर घर जाता है. लेकिन महीने के आखिर में जब सैलरी की बात आती है तो उसके हाथ में कुछ ही रकम आ पाती है. बड़े कारोबारी उनका शोषण करते हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने अब ऐसा ही कदम उठाया है. जिससे एग्रीकल्चर फील्ड में लगे मजदूरों का उत्पीड़न नहीं हो सकेगा. उनको फर्म या किसी भी फैक्ट्री द्वारा न्यूनतम मजदूरी दी जाएगी. स्टेट गवर्नमेंट ने इसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है. जो सरकार के आदेशों का पालन नहीं करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई तय है.
हर महीने मिलेंगे 5538 रुपये
कृषि मजदूरों को हर महीने मिलेंगे 5538 रुपये महीना या 213 रुपये दिन के हिसाब से निर्धारित किए हैं. नोटिफिकेशन में साफ है कि यदि नोटिफिकेशन से अधिक मजदूरी का पेमेंट लेबर को किया जा रहा है तो उसका पेमेंट होता रहे. यही न्यूनतम मजदूरी का रेट माना जायेगा.₹ और यदि इससे कम पेमेंट मजदूर को दिया जा रहा है तो नोटिफिकेशन के मुताबिक पेमेंट दिया जाएगा
कौन से फील्ड किये शामिल
एग्रीकल्चर फील्ड बेहद बड़ा है. नोटिफिकेशन में जिन्हें शामिल किया गया है. उसमें भूमि को जोतना, फसलों को बोना, किसी वस्तु का प्रोडक्शन, उसकी खेती, फसल को उगाना, काटना, कृषि उपज को मंडी के लिए तैयार करना, भंडारण या मंडी तक पहुंचाना या उसके लिए ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था करना सभी शामिल है. सरकार ने आदेश दिए हैं कि यह रेट मिल्क प्रोडक्शन, मुर्गा पालन, मधुमक्खी पालन के लिए भी निर्धारित हैं.
मजदूरी की सहमति से होगा पेमेंट
प्रदेश सरकार ने लेबर के हित के लिए यह कदम उठाया है और फैक्टरी व फर्म संचालकों को साफ निर्देश है कि न्यूनतम मजदूरी का पेमेंट कर्मचारी की सहमति से ही किया जाएगा. वह नगद हो सकता है या अकाउंट में लिया जा सकता है. मजदूरी का भुगतान जो सरकार ने रेट निर्धारित किए हैं. उनके हिसाब से ही दिया जाएगा. किसी भी सूरत में इससे के कम रेट पर मजदूरी नहीं दी जाएगी. लेबर डिपार्टमेंट के अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि नोटिफिकेशन का पालन कराने के लिए सभी फर्म, फैक्ट्री मालिकों को दिशा निर्देश दिए जाएं. यदि कहीं नोटिफिकेशन का पालन नहीं हो रहा है तो उनके खिलाफ लेबर एक्ट के तहत कारवाई की जाए.
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