Dragon Fruit Farming in India: भारत के ग्रामीण इलाकों में खेती-किसानी का व्यवसाय (Agriculture Start Up) अब शहरों का शौक बनता जा रहा है. बढ़िया पढ़ाई, तमाम डिग्री और नौकरी हासिल करने वाले युवा भी अब लैपटॉप के इर्द-गिर्द घूमती जिंदगी को छोड़कर खेती-किसानी (Modern Farming) में जुट गये हैं. भारत के युवा ही हैं, जो अब खेती में क्रांतिकारी बदलाव ला रहे हैं. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के अंतुल मिश्रा (Atul Mishra, Shahjahanpur, Up) ने भी एक ऐसी ही शानदार पहल की है. यूपी के इस युवा किसान ने इंजीनियरिंग की डिग्री (Engineering Degree) के बाद विदेश में नौकरी को ठुकराया और गांव वापस लौटकर पुश्तैनी जमीन पर खेती करने लगे. धीरे-धीरे कड़ी मेहनत करके बंजर जमीन को उपजाऊ बनाया और आड ड्रैगन फ्रूट की खेती (Dragon Fruit Cultivation in UP) के लिये जरिये लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं.
इंजीनियरिंग के बाद ठुकराई नौकरी
जानकारी के लिये बता दें कि उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के अल्लाहगंज गांव में रहने वाले अतुल मिश्रा ने चेन्नई से कंप्यूटर साइंस में बीटेक की पढ़ाई की. यहां से डिग्री हासिल करने के बाद अतुल के पास नौकरी के कई ऑफर आने लगे. जहां कुछ कंपनियां अच्छा-खासा वेतन दे रही थी तो वहीं विदेश जाने का ऑफर भी मिल रहा था. ऐसी स्थिति में अतुल मिश्रा ने अपने गांव की मिट्टी को चुना और विदेशी फल ड्रैगन फ्रूट की खेती में जुट गये.
ड्रैगन फ्रूट की खेती
मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से अतुल मिश्रा बताते हैं कि वे अपने गांव और मिट्टी के लिये हमेशा से कुछ नया करना चाहते थे, जिससे मान-सम्मान बढेगा. यूट्यूब और सोशल मीडिया पर काफी लंबी रिसर्च के बाद अतुल ने ड्रगैन फ्रूट की खेती करने का मन बनाया और साल 2018 में महाराष्ट्र से ड्रैगन फ्रूट के 1600 पौधे मंगवाये और अपनी पुश्तैनी जमीन पर रोपाई कर ली. उस समय 5 एकड़ पुश्तैनी जमीन एक दम बंजर हो चुकी थी, जिसे ठीक तरह से खाद-उर्वरक डालकर तैयार किया गया और आज उनका खेत हरियाली की खान बन चुकी है. ड्रैगन फ्रूट के पौधे भी विकसित हो गये हैं, जनिसे भरपूर फलों का उत्पादन मिलता है.
कम खर्च में कमाया 4 गुना मुनाफा
ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिये अतुल मिश्रा ने रसायनिक उर्वरकों की जगह जैविक खेती करने का फैसला लिया. अब वे पौधों के विकास, फल उत्पादन, फसल सुरक्षा के लिये गौ मूत्र और जैविक खाद का प्रयोग कर रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभी तक अतुल मिश्रा 5 एकड़ खेत में 20 हजार ड्रैगन के पौधे लगा चुके हैं, जनिसे भरपूर फलों का उत्पादन मिलता है,जिससे घर बैठे ही 35 लाख रुपये की आमदनी ले चुके हैं. आज के समय पर ये युवा किसान अपने ड्रैगन फ्रूट के बागों के जरिये गांव के कई लोगों को रोजगार दे रहे हैं.
ड्रैगन फ्रूट की ट्रेनिंग
आज अतुल मिश्रा सिर्फ ड्रैगन फ्रूट की खेती (Dragon Fruit Cultivation) तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अपने खेतों से ड्रैगन फ्रूट के पौधों (Dragon Fruit Plants) को तैयार करके मध्य प्रदेश, बिहार और हरियाा जैसे राज्यों में निर्यात भी कर रहे हैं. शुरूआत में उन्होंने ड्रैगन फ्रूट के साथ-साथ दूसरी फसलों की सह-फसल खेती (Co-cropping with Dragon Fruit) भी की थी, जिसके बाद आसपास के गांव में उनका काफी पहचान होने लगी. आज इनके खेतों को देखने के लिये देश के कोने-कोने से किसान आते हैं और खेती के गुर सीखकर जाते हैं. आज अतुल मिश्रा (Atul Mishra, UP Farmer) युवाओं के लिये मिसाल बन चुके हैं. वे आत्मनिर्भर (Aatma Nirbhar Krishi) बनने की दिशा में खुद तो आगे निकल ही चुके हैं, दूसरे किसानों को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं.
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