आप भी करें विदेशी फल एवोकाडो की खेती, कुछ सालों में ही बन जाएंगे अमीर
Avocado Farming: किसान अब पारंपरिक फसलों की खेती के बजाय बागवानी फसलों की खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे आप एवोकाडो की खेती कर सकते हैं.
भारत में किसान अब पारंपरिक फसलों की खेती करने के बजाए बागवानी फसलों में रुचि ले रहे हैं. कई किसान विदेशी फलों की खेती भी कर रहे हैं. एवोकाडो एक ऐसा विदेशी फल है, जिसकी खेती से किसान अमीर बन सकते हैं. एवोकाडो की खेती के लिए 20 से लेकर 30 डिग्री तक का टेम्प्रेचर सही माना जाता है. इंडियन मार्केट में इसकी कीमत काफी तगड़ी मिलती है. अगर किसान इसकी खेती करते हैं, तो मालामाल हो जाएंगे.
भारत में किसान आधुनिक खेती अपना रहे हैं जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा हो रहा है. किसान अब पारंपरिक फसलों की बजाय बागवानी फसलों में रुचि ले रहे हैं. एवोकाडो एक मूल रूप से मैक्सिकन फल है जो भारत में भी उगाया जाता है. यह अपने विटामिन और पोषक तत्वों के लिए मूल्यवान है, लेकिन इसका कोई विशिष्ट स्वाद नहीं है. यह नींबू जैसा दिखता है लेकिन इसमें हल्का पीला मक्खन जैसा गूदा होता है.
एवोकाडो एक गर्म मौसम का फल है जिसकी खेती अब भारत में भी की जा रही है, खासकर केरल, पंजाब और अन्य राज्यों में. इसकी खेती के लिए 20-30 डिग्री तापमान आदर्श है और भारतीय बाजार में इसकी कीमत 500 रुपये प्रति किलो से भी ज्यादा होता है. एवोकाडो की खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा हो सकता है. रिपोर्ट्स बताती हैं कि एवोकाडो की खेती 5000 साल पहले शुरू हुई थी. रिपोर्ट्स बताती हैं कि एवोकाडो 19वीं शताब्दी में श्रीलंका के रास्ते से भारत के दक्षिणी इलाकों में आया. इसके बाद में ये उत्तर भारत के राज्यों में फैल गया. उत्तर भारत के राज्यों में भी इसकी काफी ज्यादा खेती की जा रही है.
इन बातों का रखें ध्यान
एवोकाडो को संतुलित नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम की जरूरत होती है. वसंत और सर्दियों के मौसम में खाद दें, जैविक खाद भी प्रयोग कर सकते हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार एवोकाडो की खेती के लिए लैटेराइट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है. इसके अलावा मिट्टी की पीएच वैल्यू 5 से 6 के मध्य होना चाहिए.