Crop Harvesting Technique: आधुनिक खेती (Modern Farming) के दौर में ज्यादार काम मशीनों से ही किये जाते हैं. चाहे वो बुवाई वो या कटाई (Seeding & Harvesting), मशीनों ने किसानों के काम को कई गुना आसान बना दिया है. इस बीच कुछ फसलें ऐसी भी हैं, जिनकी कटाई के लिये पुराना पारंपरिक तरीका ही सबसे बढ़िया रहता है.


बता दें कि पारंपरिक कटाई (Traditional Harvesting) के तरीकों में हाथों से फसलों की कटाई की जाती है, इन फसलों में प्याज, आलू, गाजर और खीरा जैसी बेल वाली कद्दूवर्गीय और कंदीय फसलें शामिल हैं. हालांकि बड़ी जमाीनों पर खेती करने वाले किसान श्रम और समय की बचत के लिये मशीनों का ही इस्तेमाल करते हैं, लेकिन छोटे किसान हाथों से कटाई करके भी बेहतर उत्पादन हासिल कर सकते हैं.


कंदीय फसलों की कटाई  (Harvesting of Tuber Crops) 
कंदीय फसलें जमीन के नीचे पैदा होती हैं, जिनकी हाथ से कटाई करके ही सावधानीपूर्वक उत्पादन ले सकते हैं. बता दें कि कंदीय फसलों में आलू, प्याज, लहसुन, गाजर, मूली, अदरक, हल्दी जैसी जमीन में उगने वाली फसलें शामिल है.



  • इन फसलों की कटाई के दौरान फलों को नुकासन न पहुंचे, इसके लिये हल्की खुदाई करके ही सब्जियों को मिट्टी से बाहर निकालना चाहिये. 

  • प्याज और लहसुन की कटाई से पहले बल्बों को ऊपर की तरफ खीचें, जिससे मिट्टी हल्की हो जाये. इसके बाद प्याज को निकालकर धूप में सुखायें और बोरों में भरकर बेच सकते हैं.

  • ज्यादातर लोग आलू को भी खुरपी से निकालते हैं, लेकिन इसकी जगह बांस की मदद से मिट्टी को ढीला करके हाथों से आलू को निकल सकते हैं.

  • गाजर और मूली भी जमीन के नीचे ही पैदा होती है, इनकी कटाई के लिये भी सबसे पहले हरे बांस की मदद से मिट्टी को ढीला करें और पत्ते समेत सब्जियों को बाहर की तरफ खींचना चाहिये.

  • ठीक इसकी प्रकार अदरक, हल्दी और मूंगफली की फसल की कटाई की जाती है, जिससे फसलों का उत्पादन भीई खराब नहीं होता और मिट्टी की संरचना भी सही रहती है.



कद्दूवर्गीय सब्जियों की कटाई (Harvesting of Pumpkin Vegetable) 
खरीफ सीजन  (Kharif Season) में सबसे ज्यादा कद्दूवर्गीय सब्जियों की खेती की जाती है. इस मौसम में सब्जियों की बेलें तेजी से बढ़ती हैं और लगभग 40 से 60 दिनों के अंदर फल निकलने लगते हैं. इन फसलों की कटाई भी हाथों से की जाती है, जिससे सब्जियों की बेलें सुरक्षित रहें. हालाकिं कटाई के समय कैंची या चाकू का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. 



  • बता दें कि कद्दूवर्गीय बेलदार सब्जियों में खीरा, लौकी, तोरई, करेला, चप्पन कद्दू, पेठा, जुकीनी, खरबूज, तरबूज और टिंडे आदि शामिल है.

  • इन सब्जियों को पकने से पहले ही कच्ची और मुलायम अवस्था में तोड़ लिया जाता है.

  • इस दौरान चाकू और केंची की मदद से डंठल की कटाई की जाती है, जिससे कुछ दिनों तक सब्जियों के स्टोरेज (Storage of Vagetable Crops) में कोई समस्या न आये.




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