Bathua Farming In India: देश के बड़े हिस्से में खेती-बाड़ी होती है. किसान खेती कर लाखों रुपये कमाते हैं. वैज्ञानिक भी नई नई प्रजाति विकसित कर अधिक उपज और कम सिंचाई की जरूरत वाली फसल विकसित कर रहे हैं. सर्दियों के मौसम में लोग बथुआ के पराठें खाने के शौकीन होते हैं. बथुआ खाने में बेहद टेस्टी, पोषक तत्वों से भरा होता है. लोग सब्जी मंडी जाकर बथुआ खरीद कर भी लाते हैं. यह सब्जी मंडी में अच्छे भाव पर बिकती है. आज हम बथुआ की खेती के बारे में जानेंगे. थोड़ी सूझबूझ से खेती करने से किसान बथुआ की खेती से ही लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं. 


बथुआ की खेती के लिए ऐसी मिट्टी उपयोगी
विशेषज्ञों का कहना है कि बथुआ की अच्छी उपज के लिए सर्द मौसम अच्छा होता है. नॉर्मली किसान अक्टूबर में इसकी बुवाई करते हैं. बथुआ की बुवाइ किसी भी तरह की मिट्टी में हो जाती है. लेकिन अच्छी उपज पानी है तो इसकी बुवाई बलुई और दोमट मिट्टी में की जानी चाहिए. बथुआ के पौधे समय के साथ बड़े होने लगते हैं तो परेशानी हो जाती है. दरअसल, फूल और बीज का भार अधिक होने के कारण बथुए का पौधा झुकने लगता है. इसलिए जरूरी है कि बथुआ के पौधे को कुछ सहारा देकर संभाल देना चाहिए. 


ऐसे करें बथुआ की बुवाई
बथुआ की खेती के लिए इसकी बुवाई की विधि का जानना भी जरूरी है. बुवाई करने से पहले खेत की अच्छी से जोताई जरूरी है. दो तीन बार खेत की जोताई कर दें. इसके बाद आर्गेनिक खाद मिला दें. बथुआ के बीजों का आकार बहुत छोटा होता है. गोबर में मिलाकर इसकी बुआई बेहतर होती है. अच्छी उपज पाने के लिए सितंबर के अंतिम सप्ताह से मार्च के पहले सप्ताह तक बुवाई कर दें. एक हेक्टेयर खेत में करीब डेढ़ किलो बीज की बुवाई करने से पैदावार अच्छी हो जाती है. नर्सरी में बीजों की बुवाई कर पौधा तैयार किया जा सकता है. बाद में इसे खेत में बोया जा सकता है. 


बेहतर कमाई के साथ सेहत के लिए भी फिट
विशेषज्ञों का कहना है कि बथुआ के उत्पादन में लागत बेहद कम आती है. जबकि कमाई बहुत अच्छी होती है. बथुआ बाजार में 50 से 100 रुपये प्रति किलो तक बिकता है. किसान भी अच्छे दामों पर मंडी में बथुआ बेच देते हैं. वहीं, बथुआ की फसल जितनी कमाई में बेहतर है. उतनी शरीर के लिए भी लाभकारी है. यह इम्यून सिस्टम बढ़ाने के साथ ही पेट की समस्याओं का निदान करता है. औषधीय गुणों के कारण ही सर्दियों में लोग इसका सेवन अधिक करते हैं. गर्म होने के कारण सर्दी में ठंड से भी बचाता है. 


 



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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