Integrated Farming Of Niger With Bee Keeping: किसानों के बीच कई ऐसी फसलें भी मौजूद है, जो मौसम की अनिश्चितताओं और जोखिमों से लड़कर सबसे अच्छा उत्पादन देती हैं. अगस्त माह की ये खास फसल रामतिल (Ramtil Niger Farming) है, जिसे घी के बेहतरीन विकल्प के रूप में देखा जाता है. बता दें कि तेज बारिश के कारण पानी भरने के बावजूद से फसल 30 दिन तक खराब नहीं होती और पशुओं से भी इस फसल को कोई खतरा नहीं होता(Risk Free Crop Ramtil). 


इतनी खासियत के बावजूद 77 लाख हेक्टेयर में उपजने वाला रामतिल (Ramtil Cultivation) सिर्फ 10 प्रतिशत जमीनों तक सिमट कर रह गया है. किसानों को इसकी खेती के प्रति प्रोत्साहित करने के लिये साथ में मधुमक्खी पालन (Bee Farmig with Ramtil Niger Cultivation) करने की सलाह दी  रही है, ताकि कम खर्चे में अच्छी आमदनी कमा सकें. भारत सरकार ने भी रामतिल (MSP of Ramtil Niger)के लिये 6930 रुपए प्रति क्विंटल एमएसपी निर्धारित की है.




इन इलाकों में करें खेती
समतल भूमि के अलावा पहाड़ी और आदिवासी इलाकों में भी रामतिल की खेती से काफी अच्छा उत्पादन ले सकते हैं. 



  • फिलहाल, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, महाराष्ट्र और गुजरात के कई किसान इसकी फसल लगा रहे हैं. 

  • बता दें कि इसकी खेती के लिये अधिक सिंचाई जरूरत नहीं पड़ती, बल्कि जैविक विधि से इसकी फसल लगातर भी बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं.

  • बारिश में 30 दिन तक पानी में डूबने पर भी रामतिल की फसल सूखती नहीं है और ना ही इसमें कीट-रोगों की संभावना रहती है. आवारा पशु भी इसकी फसल को नहीं खाते.

  • प्रति हेक्टेयर खेत में रामतिल की फसल लगाने के लिये 6 से 7 किलोग्राम बीजों की जरूरत पड़ती है. ये फसल 95 से 100 दिनों में पककर तैयार हो जाती है, जिससे करीब 9 क्विंटल तक उत्पादन ले सकते हैं. 

  • भारत में रामतिल की सिर्फ खेती ही नहीं, बल्कि प्रोसेसिंग और 105 करोड़ रुपये का निर्यात भी किया जाता है. अमेरिका और इथीरिया जैसे कई देशों में बर्ड फीट के तौर पर इसकी काफी मांग रहती है.




ये तीन किस्में देंगी बंपर उत्पादन
रामतिल की खेती और इसका उत्पादन बढ़ाने के लिये जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्याल ने तीन उन्नत किस्में विकसित हैं. जिसमें नेशनल जेएनएस-2016-1115 ,जेएनएस 215-9 और जेएनएस-521 शामिल हैं. ये किस्मों रोगरोधी होने के साथ-साथ 8 क्विंटल तक मोटी उपज देती हैं.


ये सभी किस्में 100 से 110 दिनों में कटाई के लिये तैयार हो जाती है, जिनसे 38 फीसदी तक तेल का निष्कासन कर  सकते हैं. बता दें कि तेज हवायें और बारिश के बावजूद ये किस्में डटकर खेतों में कायम रहती है.   


डबल कमाई के लिये मधुमक्खी पालन
रामतिल एक तिलहनी फसल (Oilseed Crop Ramtil/Niger) है, जिससे 40 फीसदी तक तेल निकाल सकते हैं. इसके पीले फूल मधुमक्खियों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं, इसलिये रामतिल की फसल (Homneyv Farming with Ramtil Crop)  के साथ मधुमक्खी पालन करने की सलाह दी जाती है. इ


सके लिये ज्यादा मेहनत नहीं पड़ती, बल्कि 8 से 10 मधुमक्खी के डब्बे खेतों में लगाने होते हैं, जिनसे 3 हजार तक का फ्लेवर्ड शहद (Ramtil Honey Farming) मिल जाता है. इतना ही नहीं, मधुमक्खियां रामतिल की क्वालिटी (Quality Production of Ramtil)को बेहतर बनाने में भी मदद करती हैं. 




Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


इसे भी पढ़ें:-


Agriculture Advisory: दलहनी फसलों पर मंडरा रहा है बड़ा खतरा, सब्जी फसलों में भी हो सकता है नुकसान


कम समय में कमाना है मोटा पैसा! तिल की खेती के साथ कर लें ये छोटा सा काम, हो जायेंगे मालामाल