Mustard Farming: सरसों की खेती में मुनाफा बढ़ाने वाला मॉडल, इन राज्यों में मिल रहा भरपूर पैसा, जल्दी करें आवेदन
Honey Farming: आज खेती के साथ मधुमक्खी पालन करने से किसानों की आय में इजाफा हुआ है. इन दिनों सरसों का सीजन चल रहा है, जिससे अव्वल दर्जे का शहद मिल सकता है. इस काम के लिए 85% अनुदान भी मिलता है.
Bee Farming: आज देश के लाखों युवा खेती के साथ-साथ मधुमक्खी पालन करके अच्छा पैसा कमा रहे हैं. कोरोना महामारी के बाद से ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में शहद की मांग बढ़ गई है. अच्छी बात यह है कि मधुमक्खी पालन या शहद की खेती करने के लिए किसानों को आर्थिक मदद भी दी जा रही है. राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में किसानों को खेती के साथ-साथ मधुमक्खी पालन करने के लिए सब्सिडी का प्रावधान है. इस काम में विभिन्न राज्यों के बागवानी विभाग सीधा किसानों की मदद करते हैं. अच्छी बात यह है इन दिनों ज्यादातर खेतों में सरसों की फसल खड़ी है, जिससे अव्वल दर्जे का शहद प्राप्त होता है.
यदि आप भी सरसों की सबसे फसलों की खेती कर रहे हैं तो साथ में मधुमक्खी पालन की यूनिट भी लगा सकते हैं. इसे कम समय में डबल आएगा मॉडल कहा जाता है. आइए जानते हैं कौन-कौन सी राज्यों में मधुमक्खी पालन के लिए किसानों को सब्सिडी देती है.
हरियाणा में 85% अनुदान
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को 85% तक अनुदान दिया जाता है. इस अनुदान का लाभ लेकर किसान 50 मधुमक्खी के बॉक्स लगा सकते हैं, जिससे 2 लाख रुपये तक की आमदनी हो जाती है.
साथ में, नाबार्ड भी किसानों को सस्ती दरों पर लोन देता है. बागवानी विभाग और कृषि विज्ञान केंद्रों की ओर से मधुमक्खी पालन करने की ट्रेनिंग भी दी जाती है. आप चाहें तो अपने नजदीकी कृषि विभाग के कार्यालय या कृषि विज्ञान केंद्र में इस योजना की अधिक जानकारी ले सकते हैं.
बिहार-झारखंड में सब्सिडी
मधुमक्खी पालन में दिलचस्पी रखने वाले किसानों को हर राज्य में तकनीकी मदद और आर्थिक अनुदान दिया जाता है. इस कड़ी में बिहार की सरकार 90% सब्सिडी और झारखंड की सरकार कुल खर्च में 80% अनुदान देती है.
नाबार्ड भी मधुमक्खी पालन करने वाले किसानों को मदद करता है. इसके अलावा, राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड ने भी नाबार्ड के साथ वित्त पोषित योजना चलाई है, इसके तहत किसानों को आर्थिक मदद का प्रावधान है.
राजस्थान में सब्सिडी
सरसों की खेती के लिए राजस्थान की मिट्टी-जलवायु सबसे उपयुक्त मानी जाती है. यहां पर प्रति बॉक्स और कॉलोनी की कुल लागत पर 40% सब्सिडी यानी 4,000 रुपये तक का अनुदान दिया जाता है. इस संबंध में राजस्थान के अलग-अलग जिलों में उद्यान विभाग की ओर से तकनीकी सेशन ट्रेनिंग भी दी जाती है.
बता दें कि मधुमक्खी पालन करने से सरसों का उत्पादन 15-20% तक बढ़ने की संभावना होती है. यह मधुमक्खियां फसल के पॉलीनेशन में मददगार होती हैं, जिससे फसल की उत्पादकता अच्छी होती है.
यदि आप भी मधुमक्खी पालन करना चाहते हैं तो 8 फ्रेम वाली मधुमक्खी पालन की कॉलोनी और बॉक्स की लागत पर दो-दो हजार रुपये का अनुदान पा सकते हैं. राजस्थान का कोई भी किसान इस स्कीम का लाभ लेकर 50 कॉलोनी और 50 मधुमक्खी के बॉक्स लगा सकता है. इस स्कीम के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के उद्यान विभाग में संपर्क करें.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
यह भी पढ़ें:- देश को 90% आलू उत्पादन इन 6 राज्यों से मिलता है, आखिर कौन सी तकनीक अपनाते हैं किसान