Crop Management In India: बाढ़, बारिश और सूखा किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं. ये सभी दैवीय आपदाए हैं यानि इन्हें चाहकर भी नहीं रोका जा सकता है. इसके अलावा कीट, रोग किसानों की फसलों को हानि पहुंचाते हैं. वहीं कुछ राज्यों में नीलगाय, हिरन और आवारा पशु फसल क्षति करने का बड़ा कारण बनते हैं. लेकिन इस राज्य में फसलों को नुकसान करने की बड़ी वजह हाथी बने हुए हैं. अब हाथियों से निपटने के लिए इस राज्य ने शानदार कदम उठाया है. 


फसलों को बर्बाद कर देता है हाथियों का झुंड


दरअसल, मध्य प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में हाथियों का झुंड घूमता रहता है. इस क्षेत्र में हाथियों का काफी आतंक है. किसानों का कहना है कि झुंड की शक्ल में हाथी खेतों में आते हैं और पूरी तरह फसल को बर्बाद कर देते हैं. इन क्षेत्रों में किसान महुआ की खेती करते हैं. हाथी जैसे ही महुंआ खेती को चरते हैं. वह नशे में हो जाते हैं. नशे में आतंक मचाते हुए पूरी फसल को बर्बाद कर देते हैं. डर के चलते किसान की हाथियों को भगाने की हिम्मत तक नहीं होती है. 


हाथियों से ऐसे निपटेंगी मधुमक्खियां


राज्य सरकार ने हाथियों से निपटने के लिए नया प्लान बनाया है. अब हाथियों के झुंड से मधुमक्खियों का झुंड निपटेगा. राज्य सरकार हाथियों को फसल से दूर रखने के लिए छोटी मधुमक्खियों का इस्तेमाल करेंगी. इन हाथियों से कैसे पेश आना है? सरकार ने इसके सिए एसओपी जारी कर दी है. जानकारों का कहना है कि जिन इलाकों में हाथी अधिक घूमते हैं. वहां मधुमक्खी के बक्शे स्थापित किए जाएंगे. हाथी जैसे ही खेत में आएंगे. खेतों में मौजूद मधुमक्खियां हाथियों की सूंड, आंख और अन्य हिस्से पर डंक मार देंगी. इससे हाथी डर जाते हैं. दोबारा उस खेत में आना पसंद नहीं करते हैं. 


इन जगहों पर होगा मधुमक्खी पालन


राज्य सरकार के अनुसार, मधुमक्खी पालन किन स्थानों पर होगा. इसके लिए जगह भी चिन्हित कर दी हैं. जानकारी के अनुसार सीधी, सिंगरौली, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, डिंडोरी और मंडला जिलों के गांवों में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा दिया जाएगा. इस कदम से फसलें हाथियों के हमले से बच सकेंगी. किसानों की खेती अच्छी होगी और उपज बढ़िया मिलेगी. खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने हनी मिशन कार्यक्रम के तहत पिछले साल मुरैना जिले में 10 लाभार्थियों को मधुमक्खी के 100 बक्से वितरित किए थे. 


इस तरह करें हाथियों को नियंत्रित


वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हाथियों पर नियंत्रण करते समय बिल्कुल भी उत्पाती नहीं होना चाहिए. इससे हाथी बिगड़ सकते हैं और जानमाल का नुकसान पहुंचा सकते हैं. अधिक तीव्रता वाली रोशनी, पटाखों, मिर्च पाउडर के साथ गाय के गोबर के उपलों को जलाने, मधुमक्खियों की भनभनाहट की आवाज और ढोल पीटने से इन्हें भगाया जा सकता है. हाथियों पर नियंत्रण के लिए हाथी मित्र दल बनाया जा रहा है. किसान व आमजन को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है कि हाथियों पर काबू कैसे पाना है. बता दें कि हाथियों के हमले में पिछले साल 8 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी.  


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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