Agri Tech for Women: कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ती जा रही है. अब ग्रामीण महिलाएं जितना घर-आंगन की देखभाल करती हैं, खेत खलिहान के लिए भी उतनी ही समर्पित है. रिपोर्ट्स बताती है कि भारत के कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी 60 फीसदी से भी अधिक है, इसके बावजूद अभी भी महिला किसानों की बड़ी आबादी खेती के लिए पारंपरिक तरीके ही अपनाती हैं. इन तरीकों से फसल उत्पादन लेने में समय तो पूरा खर्च होता ही है, मेहनत भी अधिक लगती है. यही वजह है कि महिलाओं का ये काम भी आसान बनाने के लिए बाजार में तमाम कृषि यंत्र लाए गए हैं, जो कई दिनों और कई घंटों का काम कुछ ही समय में निपटा देंगे.

  


हस्तचालित बीज बुआई यंत्र (Seed Drill Machine)
हाथों से बीजों को खेत में छिड़कने पर ज्यादा बीजों की खपत होती है और उत्पादन भी कुछ खास नहीं मिलता है. इस तरह बुवाई करने के बाद कृषि कार्य करना भी मुश्किल हो जाता है. वहीं अगर लाइनों में बीजों की बुवाई की जाए तो ये सभी काम आसान हो जाते हैं, हालांकि हाथ से बीजों की बुवाई लाइन में करेंगे तो 2 से 3 दिन का समय लग सकता है और मेहनत भी पूरी लगती है. ऐसे में हर तरह के बीजों की बुवाई के लिए हस्तचालित बीज बुवाई यंत्र यानी मिनी सीड ड्रिल मशीन बाजार में आ चुकी है.


इस मशीन के जरिए गेहूं से लेकर सोयाबीन, मक्का, चना, और अरहर के बीजों की कतारों की बुवाई कर सकते हैं. इस सीड ड्रिल मशीन में हैंडल के साथ बीज के लिए हॉपर, एक ग्राउंड व्हील,  एक फ्लुटेड रोलर और ड्रिल खींचने के लिए एक हुक भी दिया गया है.बीजों को कतारों में लगाने के लिए फ्लूटेड रोलर से बीज गिराए जाते हैं. इस तरह बीजों की काफी बचत हो जाती है.


उन्नत दांतेदार हंसिया (Sickle)
जमीन पर बैठकर घंटों तक फसल की कटाई करना भी अपने आप में बड़ा चुनौतीपूर्ण काम है. अब महिलाएं ये काम भी आसानी से बिना किसी परेशानी के निपटा सकती हैं. दरअसल भाकृअनुप-केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल ने उन्नत दांतेदार हंसिया यानी सिकल विकसित किया है, जो गेहूं से लेकर सोयाबीन, धान, चना, सरसों और घास आदि पतले डंठल वाली फसलों की कटाई आसानी से कर देता है. इस कृषि यंत्र में दांतेदार ब्लेड, सामी और लकड़ी के हैंडल लगे होते हैं. सबसे अच्छी बात यह है कि इस स्मार्ट टूल का वजन सिर्फ 180 ग्राम होता है, जिससे कटाई करने पर कलाई पर भी ज्यादा बोझ नहीं पड़ता. 


गन्ना बड़ चिपर
भारत दूसरा बड़ा गन्ना उत्पादक देश है. यहा गन्ना की खेती बड़ पैमाने पर की जाती है, लेकिन ज्यादातर किसान आज भी पारंपरिक तरीकों से पसीना बहाकर गन्ना का उत्पादन ले रहे हैं. खासतौर पर महिला किसानों के लिए ये काम थोड़ा मुश्किल हो जाता है. इस काम को स्मार्टनेस से करने के लिए गन्ना बड चिपर बाजार में मौजूद है, तो घंटेभर में गन्ना की 100 से भी ज्यादा बड़ निकालने में मदद करता है.


इससे गन्ना की बर्बादी भी नहीं होती और अपनी आवश्यकतानुसार मोटे या पतले गन्ने की बड निकाल सकते हैं. ये कृषि यंत्र हाथ से चलता है, इसलिए बिजली या ईंधन का कोई खर्चा भी नहीं होगा. वजन में भी ये कृषि यंत्र काफी हल्का है, जिसकी मदद से गन्ना की बुवाई को कई गुना आसान बना सकते हैं.


पैडी ट्रांसप्लांटर
कई राज्यों मे धान की खेती सालभर की जाती है. यहां धान के पौधों की रोपाई करने में ही काफी समय जाया हो जाता है, जिसकी वजह से समय पर उत्पादन नहीं मिल पाता. ये काफी श्रम वाला काम होता है, जिसकी वजह से महिलाओं को हड्डी-मांस से जुड़ी समस्याएं हो सकती है. धान की रोपाई को आसान बनाने के लिए भी बाजार में बेहद सस्ता पैडी ट्रांसप्लांटर मौजूद है, जो कतारों में चटाई की तरह धान की रोपाई कर देती है.


इस मशीन में धान पौध खिसकाने वाली ट्रे, हत्था, पौध पकड़ने वाली ट्रे और गहराई नियंत्रण यंत्र भी लगा है. इस कृषि उपकरण की मदद से झुककर धान की बुवाई करने का झंझट खत्म हो जाता है और जब कतारों में धान की रोपाई होती है तो निराई-गुडाई, निगरानी, छिड़काव जैसे काम भी आसान हो जाते हैं.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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