Betelnut Crop Damage: रबी सीजन चल रहा है. किसान खेतों में फसलों को बो रहे हैं. सूखा, बाढ़, बारिश ने किसानों की फसलो को खासा नुकसान पहुंचाया है. उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड समेत अन्य राज्यों में किसानों की करोड़ों की फसलें बर्बाद हो गईं. कीटों के प्रकोप के कारण किसानों को अलग नुकसान उठाना पड़ रहा है. कीटों ने कर्नाटक में देखते ही देखते लाखों की फसल चट कर दी है. किसान राहत के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं.


कर्नाटक में सुपारी की फसलों को नुकसान
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक के मलनाड में एक विशेष प्रकार के कीट ने सुपारी की फसल पर हमला कर दिया है. इससे सुपारी की फसलों को नुकसान पहुंचा है. इसके लिए स्टेट गवर्नमेंट ने कमर्शियल फसलों मेें कीटों के हमलों को रोकने की रणनीति पर काम कर दिया है. बता दें कि सरकार दूध और दही की कीमतों के दाम बढ़ने पर पहले ही रोक लगा चुकी है. 


10 करोड़ रुपये की जारी की सब्सिडी
कर्नाटक गवर्नमेंट सुपारी फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए आर्थिक मदद भी कर रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा है कि केंद्र सरकार की एजेंसियां कीटों के हमले को रोकने के लिए काम कर रही है. राज्य के विशेषज्ञ भी हमले के पीछे मूल कारण खोजने में लगे हुए हैं. जैसे ही मूल कारणों की जानकारी हो जाएगी. सरकार तुरंत एक्शन प्लान जारी कर देगी. कीटनाशकों पर 10 करोड़ की सब्सिडी सरकार ने जारी कर दी है. अभी किसान कीटों के खात्मे के लिए कीटनाशक छिड़काव कर सकते हैं. 


99 करोड़ रुपये कर दिए जारी
कर्नाटक में काफी संख्या में सुपारी फसलों के रकबे पर कीट अटैक कर रहे हैं. इससे पूरी फसल तक बर्बाद हो रही है. कीटों के हमले से किसानों को नुकसान हो रहा है. मुख्यमंत्री ने सुपारी की फसलों पर होने वाले कीटों के हमले को गंभीरता से लिया है. सरकार ने प्राकृतिक आपदाओं से हुई फसल क्षति के लिए किसानों को दी जाने वाली इनपुट सब्सिडी को दोगुना कर दिया है. किसानों को 99 करोड़ रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं. राज्य सरकार ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को ज्वाइंट इंस्पेक्शन करने के लिए कहा है. इंस्पेक्शन पूरा होने के बाद रिपोर्ट सरकार के समक्ष रख दी जाएगी. इसके बाद ही सरकार इनपुट सब्सिडी का भुगतान भी कर देगी.



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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