Precaution for Buying & Selling Dairy Animals: पशुपालन और डेयरी फार्मिंग करने वाले किसानों के लिये दुधारू पशुओं की खरीद-बिक्री (Buying-Selling Dairy Animals) करना बड़ी जिम्मेदारी का काम होता है. पशुओं को किसानों की जमा पूजीं कहते हैं, इसलिये पशुपालकों के मन में भी यही शंका होती है कि किस तरह बेहतर स्वास्थ्य (Healthu Dairy Animals)  और अच्छी मात्रा में दूध देने वाले पशुओं (Good Milk Producer Animals) का चुनाव किया जाए. यह काम मुश्किल जरूर है, लेकिन नामुमकिन नहीं है.


अगर पशुपालक कुछ बातों का ध्यान रखकर दुधारू पशुओं को खरीदें तो डेयरी फार्मिंग (Dairy Farming)) के जरिये अच्छी आमदनी कमा सकते हैं. इन उपायों को अपनाकर कमजोर और साधारण नस्लों के पशुओं (Simple Breeds Of Dairy Aninmals) की बिक्री-बिक्री के फर्जीवाड़े से सावधान रहने में भी मदद मिलती है,


सेहतमंद पशु खरीदें
बेहतर दूध उत्पादन पूरी तरह पशुओं की अच्छी सेहत पर निर्भर करता है, इसलिये पशुओं का स्वास्थ्य और उनके पिछले स्वास्थ्य रिकॉर्ड को जांच-परखकर ही पशुओं की खरीद-बिक्री करनी चाहिये. यह जरूरी नहीं कि अच्छी नस्ल के पशुओं से अधिक मात्रा में ही  दूध मिले, लेकिन अच्छी नस्ल की स्वास्थ्य बाकियों के मुकाबले बेहतर रहता है. इन पशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता हमेशा मजबूत रहती है. इन पशुओं को खान-पान में भी हरा चार और पशु आहार खिलाये जाते हैं.


नस्ल का रखें खास ध्यान
दुधारू पशु खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि पशु की नस्ल क्या है, उसके गुण क्या है और क्या इन पशुओं को कोई समस्याएं हो सकती हैं. इसके अलावा एक ब्यांत में पशु कितना दूध दे सकता है आदि बातें भी बेचने वाले पशुपालक से जरूर पूछनी चाहिए.


शारीरिक बनावट और चमड़ी देखें
पशुपालकों के मन पशु की बनावट और उसकी चमड़ी देखकर ही प्रभावित होता है, इसलिये दुधारू पशु खरीदते समय पशुओं की शारीरिक बनावट और उसके खड़े होने के तरीके पर ध्यान दें. जो पशु ठीक से खड़ा नहीं हो पाता या कमजोर दिखाई देता है, उसे नहीं खरीदना चाहिए. ऐसे पशु कमजोर होते हैं और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती है. ऐसे पशुओं को बीमारियां जल्दी पकड़ लेती हैं.


इसके अलावा, छोटे पैर और मुंह माथे पर बाल होना अच्छे दुधारू पशु की निशानी है. अच्छे दुधारू पशुओं की आंखें एक दम साफ और चमड़ी चिकनी और पतली होती है. इसके अलावा अच्छे दुधारू पशुओं की पहचान उनके हाव-भाव से भी की जा सकती है.


थनों की जांच करें 
पशुओं के स्वस्थ और सुरक्षित थन या आयन से भी उनकी सेहत और दूध देने की क्षमता का अंदाजा लगा सकते हैं. विशेषज्ञों की मानें तो दुग्ध शिराओं पर उभार या फिर टेढ़ी-मेढ़ी आकृति हो तो पशुओं की दूध उत्पादन क्षमता भी अच्छी होती है. इसके अलावा, दूध देने के बाद स्वस्थ दुधारू पशुओं के थन सिकुड़ जाते हैं. ऐसे पशु डेयरी फार्मिंग के मुनाफा बढ़ाने के लिये बने होते हैं.


दूसरी या तीसरी ब्यांत का पशु खरीदें
पशु विशेषज्ञों की मानें तो दूसरे या तीसरे ब्यांत वाली गाय और भैंस डेयरी फार्मिंग (dairy Farming) के लिए बेहतरीन मानी जाती है. ऐसे पशु करीब 7 ब्यांत तक दूध देने की क्षमता (Milk Production Capacity of Dairy Animals) रखते हैं. ऐसी नस्लों के दुधारू पशुओं से मादा बछ़िया या पड़िया पशु पैदा होने की उम्मीद ज्यादा होती है, जो पशुपालकों के लिए भविष्य की पूंजी की तरह काम करते हैं.


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.


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