(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
इस फूल की खेती से मालामाल हो रहे हैं बिहार के किसान, जानिए कैसे होती है खेती
जब ये फूल बड़े हो जाते हैं और अच्छी तरह से खिल जाते हैं तो इनकी कटाई के लिए चाकू और कैंची का इस्तेमाल होता है. इन फूलों को काटने के लिए बहुत सावधानी पूर्वक काम करना होता है.
बिहार में किसान अब पारंपरिक खेती के अलावा पैसा कमाने का दूसरा ऑप्शन भी तलाश रहे हैं. इसमें अब कार्नेशन की खेती भी शामिल हो गई है. दरअसल, कार्नेशन एक लोकप्रिय फूल है जिसकी खेती इस वक्त बिहार समेत पूरे भारत में हो रही है. हालांकि, बिहार के किसान इसकी खेती अन्य इलाकों के मुकाबले ज्यादा कर रहे हैं.
इसकी इतनी खेती क्यों हो रही है
बिहार में इस फूल की इतनी ज्यादा खेती इसलिए हो रही है क्योंकि ये लोकल मार्केट के साथ साथ विदेशी बाजार में भी अच्छी कीमत पर बिकता है. इस फूल का सबसे ज्यादा इस्तेमाल डेकोरेशन और गुलदस्तों में होता है. हालांकि, इसकी खेती करना इतना आसान भी नहीं होता है. इसके लिए आपको 15 से 25 डिग्री सेल्सियस का तापमान और 6.0 और 7.0 के बीच पीएच स्तर वाली मिट्टी की आवश्यक्ता होती है.
कब होती है इसकी खेती
बिहार में इस फूल की खेती अक्टूबर से नवंबर के बीच होती है. हालांकि, कुछ किसान इसकी खेजी जून से जुलाई के बीच भी करते हैं. इस फूल की कई किस्में बिहार समेत पूरे देश में उगाई जाती हैं. इसमें स्टैंडर्ड कार्नेशंस, स्प्रे कार्नेशंस और मिनिएचर कार्नेशंस शामिल हैं. जब आप इसकी खेती कर रहे हों तो आपको कुछ बातों का ख्याल रखना पड़ता है. जैसे इनके पौधों के बीच 25 से 30 सेंटीमीटर की दूरी होनी चाहिए.
कैसे होती है फूलों की कटाई
जब ये फूल बड़े हो जाते हैं और अच्छी तरह से खिल जाते हैं तो इनकी कटाई के लिए चाकू और कैंची का इस्तेमाल होता है. इनके फूलों को काटने के लिए बहुत सावधानी पूर्वक काम करना होता है. क्योंकि इन फूलों की क्वालिटी जितनी अच्छी होगी, बाजार में इनके फूलों की मांग उतनी ही ज्यादा होगी. ये फूल दिखने में गुलाब जैसे होते हैं, इसलिए कई लोग इन्हें गुलाब की जगह सजाते हैं. हल्के गुलाबी रंग के भरे भरे ये फूल जहां लगते हैं, वहां की शोभा बढ़ा देते हैं. अगर आप भी पारंपरिक खेती से हट कर कुछ करना चाहते हैं तो आपके लिए कार्नेशन के फूलों की खेती अच्छा विकल्प हो सकती है. इनकी मदद से आप सालना अच्छी कमाई कर सकते हैं.
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