Application for Organic Certification: देशभर में पर्यावरण संतुलन और स्वास्थ्य के जरिए से जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. विदेशों में भी भारत के जैविक उत्पादों की ही सबसे ज्यादा डिमांड रहती है. जैविक खेती की खास बात ये भी है कि कम लागत में इस विधि से अच्छी क्वालिटी का फसल उत्पादन ले सकते हैं. इसमें नुकसान की संभावना भी कम ही होती है. रसायनों के बजाए जैविक खेती में जैविक खाद, जैव उर्वरक और कीटों का भी जैविक नियंत्रण किया जाता है. अच्छी बात ये है कि किसान इस खेती से अच्छा पैसा कमाने के लिए ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन बनवा सकते हैं, जिसकी प्रक्रिया भी बेहद आसान है. इन दिनों बिहार सरकार ने राज्य के किसानों को जैविक सर्टिफिकेशन (Organic Certification) करवाने के लिए आवेदन मांगे हैं. आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से.
कहां से प्राप्त करें ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन
जैविक या पारंपरिक खेती से संबंधित फसलों के सर्टिफिकेशन के लिए बिहार राज्य बीज और जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी (BASOKA) ने ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं. किसान चाहें तो अपनी सहूलियत के हिसाब से कृषि विभाग द्वारा जारी निबंधन संख्या के आधार पर आवेदन कर सकते हैं. सिर्फ बिहार ही नहीं, दूसरे राज्य के किसान भी इसी वेबसाइट पर आधार संख्या और बाकी की जानकारी देकर आवेदन कर सकते हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो पटना के मीठापुर स्थित कृषि निदेशालय परिसर में प्रमाणन एजेंसी का कार्यक्षेत्र बिहार के साथ बंगाल, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा, असम और राजस्थान है.
अब बिहार से ही मिलेगा जैविक सर्टिफिकेशन
जानकारी के लिए बता दें कि पहले बिहार के किसानों को जैविक, पारंपरिक, प्राकृतिक और बागवानी फसलों का प्रमाणीकरण सिक्किम से प्राप्त करना पड़ता था, लेकिन अब से बिहार में ही बसोका एंजेसी की ओर से दूसरे किसानों को भी ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन की सुविधा दी जाएगी. किसान चाहें तो ऑफलाइन या www.bssca.co.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
बता दें कि जैविक खेती करने वाले किसानों के अलावा किसान उत्पादक संगठन (FPO), सामूहिक खेती करने वाले किसान, किसान की फर्म या कंपनियों को भी ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन की सुविधा दी जाएगी. इसके लिए आवेदक को एक तय शुल्क जमा करवाना होगा, जिसके बाद एजेंसी के एक्सपर्ट्स संपर्क स्थापित करके जांच के लिए सैंपल लेने आपके खेत में पहुंच जाएंगे. अधिक जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर- 1800-1801-551 पर कॉल करके भी आवेदन कर सकते हैं.
कैसे काम करती है बसोका एजेंसी
रिपोर्ट्स की मानें तो केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के संस्थान कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) की ओर से ही बिहार राज्य बीज और जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी (BASOKA) को मूल्यांकन कर राष्ट्रीय मान्यता बोर्ड को ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन (Organic Certification) के लिए मान्यता दी गई है. अब ये एजेंसी डीएनए फिंगर प्रिंटिंग प्रयोगशाला में जेनेटिकली माडिफाइड आर्गेनिज्म (GMO) की भी टेस्टिंग करती है. यहां हर साल 300 नमूनों के जांच की क्षमता है, जिसका विस्तार हो जाए तो 4,000 तक भी पहुंत सकता है.इस जांच लैब में खेती में इस्तेमाल किए जा रहे संकर बीजों की गुणवत्ता की भी जानकारी दी जाती है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
यह भी पढ़ें: खुशखबरी! अब सब्जी फसल का भी बीमा करा सकते हैं किसान, यहां जानें ब्याज और बीमा क्लेम की डिटेल