Stubble Management: 'नहीं जलाएंगे पराली'...ये वादा करें किसान, तभी खरीदेंगे धान, पढ़ें सरकार की नई गाइडलाइंस
Stubble Burning in Bihar: पराली जलाने के खिलाफ बिहार सरकार ने गाइडलाइंस जारी कर दी है. साफ शब्दों में कहा गया है कि धान बेचने के लिए किसानों को वादा करना होगा कि वो पराली नहीं जलाएंगे.
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Paddy procurement in Bihar: कई राज्यों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद चल रही है. उधर किसानों ने भी पराली जलाने का काम जारी रखा हुआ है. बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए अब राज्य सरकारों ने भी सख्ती बरतना शुरू कर दिया है. यूपी-बिहार में पराली जलाने (Stubble Burning) वाले किसानों पर जुर्माना लगाया जा रहा है. किसानों की सम्मान निधि (PM Kisan) कैंसिल भी हुई है. इतना ही नहीं, कृषि विभाग ने भी 6,000 से अधिक किसानों को ब्लैक लिस्ट कर दिया है, जिससे कि अगले 3-4 साल तक किसान किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं पाएंगे.
इस तरह किसानों की एक ही गलती उन पर भारी पड़ती नजर आ रही है. इस बीच बिहार सरकार ने नया फरमान जारी कर दिया है. राज्य सरकार की गाइडलाइंस में साफ-साफ लिखा है कि जब किसान लिखकर देंगे कि वो पराली नहीं जलाएंगे, तभी उनका धान या दूसरी उपज खरीदी जाएगी.
पराली ना जलाने का वादा करें किसान
खरीफ विपणन सीजन 2022 के तहत बिहार सरकार ने अनाज बेचने वाले किसानों के लिए सख्त गाइडलाइंस भी जारी कर दी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब सहकारिता विभाग केवल उन्हीं किसानों से धान या दूसरे अनाज खरीदेगा, जो लिखकर देंगे या वचन देंगे कि वो पराली नहीं जलाएंगे. इस मामले में मुख्य सचिव आमिर सुहानी ने बिहार के सभी जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं.
अब ये सुनिश्चित करना होगा कि पराली ना जलाई जाए, अगर कोई किसान ऐसा करता है तो इसे रोका जाए. इसके लिए जिलेवार जागरुकता कार्यक्रम जलाने होंगे. इसके अलावा, जो भी किसान अब से पराली जलाते हुए मिले, इस पर सख्त से सख्त कार्रवाई भी हो.
पैक्स को जारी हुआ निर्देश
इस मामले में प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (PACS) को निर्देश जारी किए है कि उपज बेचने के लिए मंडियों की तरफ रुख करने वाले किसानों से वचन लिया जाए कि वो ना तो पराली जलाएंगे, ना ऐसी किसी घटना में शामिल होंगे. बता दें कि बिहार के कई जिला प्रशासन ने पराली जलाने वाले किसानों पर सीआरपीसी की धारा 133 के तहत कार्रवाई करने का फैसला लिया है. यदि पराली जलाने की घटना सही हुई तो किसानों पर आईपीसी धारा 188 के तहत मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा.
इन जिलों में खराब हैं हालात
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिहार की राजधानी पटना और मगध के नजदीकी इलाकों में पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं. खासकर कैमूर, रोहतास, बक्सर, भेजपुर, पटना, नालंदा में भी सबसे ज्यादा पराली जलाने की 83% घटनाएं रिकॉर्ड हुई हैं, जिसके चलते अब राज्य के 6 शहर-पूर्णिया,बेतिया, कटिहार. सीवान, सहरसा, दरभंगा की हवा जहरीली हो चुकी है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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