Fisheries Scheme: खुशखबरी! अब से मछुआरों-मछली पालकों को भी मिलेंगे 4500 रुपए, ये दस्तावेज कर लें तैयार
Subsidy on Fish Farming: नदियों में शिकारमाही करने वाले गरीबी रेखा से नीचे के मछुआरों को प्रतिबंधित महीनों में 4,500 रुपये का सहायतानुदान दिया जायेगा. इससे आर्थिक संकट हल करने में भी खास मदद मिलेगी.
Relief-cum-Savings Scheme: मानसून के दिन ग्रामीण आबादी के लिये काफी भारी साबित होते हैं. तेज बारिश (Rain Loss) के चलते फसलों, पशुओं और मछलियों में भी नुकसान की संभावनायें बढ़ जाती है. फसलों के लिये तो किसानों को मुआवजा (Crop Loss Compensation) मिल जाता है, लेकिन मछली पालन और नदी में मछलियों का शिकार करने वाले मछुआरों को खुद ही नुकसान की भरपाई करनी पड़ती है.
मछली पालकों (Fish farmer) और मछुआरों को ऐसे ही आर्थिक संकट से निकालने के लिये अब बिहार सरकार आगे आई है. अब राज्य के मछुआरों को मछली पालन (Fish Farming) के लिये प्रतिबंधित महीनों में 4,500 रुपये का सहायतानुदान दिया जायेगा. इस योजना के तहत केंद्र सरकार भी राज्य सरकार के साथ मिलकर अंशदान (Subsidy on Fish Farming) देगी. ये योजना नदियों में शिकारमाही करने वाले गरीबी रेखा से नीचे के मछुआरों के लिये वरदान साबित होगी.
मछली पालन के लिये प्रतिबंधित महीनों में अनुदान
जाहिर है कि मौसम की अनिश्चितताओं के कारण जून से लेकर अगस्त तक मछुआरों को तेज बारिश तो कभी गर्म हवा और लू का सामना करना पड़ता है. इन्हीं महीनों में नदियां उफान पर भी होती है, इसलिये नदियों में शिकारमाही करने वाले मछुआरों को भी जान-माल का खतरा बना रहता है.
- ऐसे समय पर मछुआरों को राहत प्रदान करते हुये बिहार राज्य सरकार ने राहत-सह-बचत योजना (Relief-cum-Savings scheme) चलाई है.
- इस योजना के तहत प्रतिबंधित महीनों में राहत पहुंचाने के उद्देश्य से मछुआरों को सालाना 1,500 रुपये का अंशदान किस्तों में दिया जायेगा.
- केंद्र और राज्य सरकारें भी मिलकर 1,500-1,500 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करेंगी, जिससे कुल मिलाकर सालाना 4,500 रुपये की मदद होगी.
वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए ’’राहत-सह-बचत’’ योजनान्तर्गत आवेदन आमंत्रित किये जात हैं।
— Directorate Of Fisheries, Bihar, Patna (@DirectorateOfF1) October 11, 2022
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग(मत्स्य) pic.twitter.com/fRt5puzeDy
इन मछली किसानों को मिलेगा फायदा
बिहार राज्य सरकार (Bihar Government) की राहत-सह-बचत योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे के मछुआरों को राहत प्रदान की जायेगी.
- जो मछुआरे नदियों में पूर्णकालिक शिकारमाही करते हैं, उन्हें भी इस योजना का लाभ मिलेगा.
- मछुआरे की उम्र से 18 से लेकर 60 साल तक होनी चाहिये.
- मछुआरे के पास जिला मत्स्य पदाधिकारी या सह मुख्य कार्यपालक अधिकारिक द्वारा अप्रूव्ड निशुल्क म्त्स्य शिकारमाही प्रमाण पत्र होना चाहिये.
- मछुआरे को मत्स्य जीवी सहयोग समिति, निबंधित फेडरेशन, निबंधित वेलफेयर सोसाइटी समूह का सदस्य होना चाहिये.
यहां करें आवेदन
बिहार राज्य सरकार की राहत-सह-बचत योजना (Relief-cum-Savings scheme) के तहत सालाना 4,500 रुपये के सहायतानुदान का लाभ लेने के लिये Fishries.bihar.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
- बता दें कि मछुआरों से ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करने के लिये अंतिम तारीख 31 जनवरी 2023 निर्धारित की गई है.
- किसान चाहें तो http://state.bihar.gov.in/ahd/CitizenHome.html पर भी विजिट करके अधिक जानकारी ले सकते हैं.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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