Subsidy on Makhana Popping Machine: भारत में किसानों से लेकर पढ़-लिखे प्रोफेशनल तक एग्री स्टार्ट अप (Agri Start Up) और एग्री बिजनेस के जरिये काफी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. सरकार भी तमाम योजनाओं से जुड़कर एग्री बिजनेस (Agri Business) शुरू करने के लिये आर्थिक अनुदान भी देती है, जिससे बिजनेस की लागत तो कम हो ही जाती है, साथ ही रोजगार के अवसर भी खुलते हैं. दीवाली व अन्य त्यौहारों पर ऐसा ही एक बिजनेस है मखाने का. मखाना ड्राईफ्रूट्स में आता है, जिसकी खेती से लेकर प्रोसेसिंग (Makhana Processing) तक की प्रोसेस जटिल होती है.
बिहार में मखाना की खेती
बिहार को मखाना का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य कहते हैं. यहां किसान पारंपरिक तरीकों से मखाना की खेती करते हैं और साथ ही पुराने तरीके से ही इसकी प्रोसेसिंग करके आमदनी कमाते हैं, लेकिन मखाना प्रोसेसिंग के पारंपरिक तरीकों से चोट लगने का खतरा बना रहता है.
यही कारण है कि अब किसान और मजदूरों को मखाना पॉपिंग मशीन को अपनाने के लिये प्रेरित किया जा रहा है. इससे कम समय और बिना नुकसान के आसानी से मखाना पॉपिंग हो जाती है. सबसे अच्छी बात ये है कि इसकी खरीद पर बिहार राज्य की सरकार करीब डेढ़ लाख तक की सब्सिडी भी दे रही है. किसान चाहें तो व्यक्तिगत तौर पर या फिर किसान उत्पादक समूह बनाकर भी मखाना पॉपिंग मशीन खरीद सकते हैं.
मखाना पॉपिंग मशीन पर सब्सिडी
मखाना पॉपिंग मशीन एक खास तरह की मशीन है, जिसमें मखाना के बीजों को भूनकर लावा तैयार किया जाता है. इस मशीन के इस्तेमाल से समय और श्रम की अच्छी खासी बचत होती है. बिहार सरकार की ओर से चलाई जा रही कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत मखाना की पॉपिंग के लिये 60 प्रतिशत तक अनुदान भी दिया जा रहा है.
- इस कृषि यंत्र की खरीद पर सामान्य वर्ग के किसानों को इकाई लागत पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी यानी अधिकतम 1 लाख रुपये अनुदान दिया जायेगा.
- वहीं एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग के किसानों को मखाना पॉपिंग मशीन की खरीद पर 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी यानी अधिकतम 1,50,000 रुपये का अनुदान मिलेगा.
यहां करें आवेदन
बिहार सरकार की ओर से कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत मखाना पॉपिंग मशीन पर आर्थिक अनुदान (Subsidy on Makhana Popping Machine) का लाभ लेने के लिये बिहार कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://dbtagriculture.bihar.gov.in/ पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.
- इसके अलावा लाभार्थी और आवेदकों की सहूलियत के लिये हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है. अधिक जानकारी के लिये 1800-3456-214 पर संपर्क कर सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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