Subsidy on Onion Farming: इस साल खरीफ सीजन (Kharif Season 2022) की शुरुआत से ही मौसम का मिजाज काफी खराब रहा. कुछ इलाकों में बारिश की कमी के कारण धान की बुवाई (Paddy Farming) ही नहीं हो पाई. वहीं कई इलाकों में तेज बारिश के कारण फसलें जलमग्न हो गई. इन परिस्थितियों का सबसे बुरा असर पड़ा धान के किसानों पर.
बिहार राज्य में किसानों को कुछ ऐसी ही परेशानियों का सामना करना पड़ा. यहां कम बारिश के कारण लक्ष्य के अनुसार धान की बुवाई का काम ही नहीं हो पाया. यही कारण है कि अब राज्य सरकार द्वारा किसानों को वैकल्पिक फसल की खेती (Vaikalpik Kheti) के लिये बीज और सब्सिडी की सुविधा दे रही है.
प्याज की खेती पर सब्सिडी
बिहार उद्यान विभाग (Bihar Horticulture Department) द्वारा वैकल्पिक खेती योजना के तहत राज्य के किसानों को प्याज की खेती करने के लिये 50 प्रतिशत तक अनुदान (Subsidy on Onion Farming) दिया जायेगा. इसके लिये राज्य सरकार ने प्रति हेक्टेयर की इकाई लागत 98 हजार रुपये निर्धारित की है, जिस पर उद्यान विभाग की तरफ से किसानों को करीब 49,000 रुपये का अनुदान मिलेगा. किसानों तक इस योजना का लाभ पहुंचाने के लिये बिहार उद्यान विभाग ने किसानों से आवेदन भी मांगे हैं.
यहां करें आवेदन
विशेष उद्यानिकी फसल योजना (Special Horticulture Crop Scheme) के तहत बिहार में प्याज की खेती पर अनुदान का लाभ लेने के लिये 9 सितंबर से ही आवेदन खोल दिये गये थे. नियमों के मुताबिक, किसानों को अनुदान के लिये ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इसके लिये बिहार उद्यान विभाग के पोर्टल horticulture.bihar.gov.in पर आसानी से रजिस्ट्रेशन और आवेदन कर सकते हैं.
अगर किसान ऑनलाइन आवेदन के समय किसी परेशानी का सामना कर रहे हैं तो सीएसी सेंटर या अपने नजदीकी जिले में उद्यान विभाग (Horticulture Department, Bihar) के कार्यालय या सहायक निदेशक, उद्यान से भी संपर्क कर सकते हैं.
जानकारी के लिये बता दें कि राज्य सरकार अभी तक प्याज की खेती पर सब्सिडी के लिये दर्जनों आवेदन प्राप्त कर चुकी है. इस योजना के तहत पहले आओ-पहले पाओ यानी पहले आवेदन करने पर ही लाभार्थी किसानों को चुना जायेगा, इसलिये बिना देर किया आवेदन की प्रक्रिया को पूरा कर लें.
तैयार कर लें प्याज की नर्सरी
जाहिर है कि सालभर में प्याज की सबसे अच्छी और क्वालिटी उपज सिर्फ रबी सीजन में ही मिलती है. इसके लिये अक्टूबर से लेकर नंवबर के बीच नर्सरी यानी बिचड़ा तैयार किया जाता है, जिसके बाद दिसंबर तक खेतों को तैयार करके पौधों की रोपाई कर दी जाती है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिहार उद्यान विभाग ने इस बार (भागलपुर जिले में) करीब 20 हेक्टेयर में प्याज की खेती लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये और किसानों पर से खर्च का बोझ कम करने के लिये ही आर्थिक अनुदान दिया जा रहा है.
कम हुई धान की रोपाई
कई राज्यों में अनुमान के मुताबिक वर्षा ना हो पाने के कारण खेत सूखे ही रह गये और धान की तैयार नर्सरी बिना बुवाई के ही बर्बाद हो गई. बात करें बिहार के भागलपुर की तो जिले में धान की खेती के लिये 5,200 हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य था, लेकिन कम बारिश के कारण सिर्फ 43.24 प्रतिशत ही धान की रोपाई हो पाई, जबकि किसान 5,200 हेक्टेयर कि हिसाब से धान का बिचड़ा तैयार किये बैठे थे. इन्हीं परिस्थितियों के मद्देनजर बिहार में जिन किसानों ने खरीफ सीजन (Kharif Season 2022) के दौरान धान की खेती (Paddy Cultivation)में नुकसान झेला है, उन्हें अब वैकल्पिक खेती योजना के तहत प्याज की खेती पर सब्सिडी (Subsidy on Onion Farming) का लाभ दिया जायेगा.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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