Subsidy Offer: मछली किसानों के लिये खुला खुशियों का पिटारा! बीज, फीड से लेकर हेचरी के लिये 75% सब्सिडी का ऑफर
Subsidy on Fish Farming: किसानों को मछली बीज, फीड से लेकर, उर्वरक, दवा, मछली बीज उत्पादन यूनिट, ट्यूबवेल, पंपसेट, तालाब में मछली पालन के लिये मशीनरी और हेचरी के लिये भी 70% तक अनुदान मिल रहा है.
Mukhya Mantri Taalaab Matsyiki Vikas Yojana: पिछले कुछ सालों में मछली पालन भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा बनकर उभरा है. अब किसान खेती के साथ-साथ मछली पालन (Fish Farming) करके अपनी आमदनी को बढ़ा रहे है और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम कर रहे हैं. सरकार भी आगे आकर किसानों के लिये आर्थिक अनुदान, सब्सिडी और कई तरह के ट्रेनिंग प्रोग्राम चला रही है, जिससे किसान, मछली पालक और मछुआरों को आधुनिक तकनीकों से जोड़ा जा सके.
इसी कड़ी में अब बिहार सरकार भी आगे आई है. राज्य में मछली पालन के लिये किसानों को बीज, फीड से लेकर, उर्वरक, दवा, मछली बीज उत्पादन यूनिट, ट्यूबवेल, पंपसेट, तालाब में मछली पालन के लिये मशीनरी के साथ-साथ हैचरी (Hatchery Fish Farming) में मछली पालन करने के लिये भी 70 प्रतिशत तक अनुदान दे रही है. इस योजना के तहत राज्य के मछली पालन-किसानों से 17 नवंबर 2022 तक आवेदन भी मांगे गये हैं.
मछली पालन के लिये सब्सिडी
मुख्यमंत्री तालाब मात्स्यिकी विकास योजना के तहत बिहार पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने मछली पालन के लिये संसाधनों की खरीद और पुराने संसाधनों के सुधार के लिये सब्सिडी देने का फैसला किया है.
तालाब में मछली पालन के लिए उन्नत फीड, उर्वरक और दवा जैसे इनपुट के लिए 4 लाख रुपये की इकाई लागत निर्धारित की गई है. इस पर एससी-एसटी, ओबीसी वर्ग के मछली किसानों को 70% तक सब्सिडी और सामान्य वर्ग के मछली पालकों को 50% तक सब्सिडी का प्रावधान है.
- मछली के उन्नत बीज उत्पादन यूनिट में एडवांस फिंगरलिंग, स्टंटेड फिंगरलिंग और ईयरलिंग प्रोडक्शन के लिए (0.5 एकड़ की 1 यूनिट) 56,000 रुपये की इकाई लागत निर्धारित की है. इस पर एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग के मछली पालकों को 70% की सब्सिडी और सामान्य वर्ग के मछली किसानों को 50% अनुदान दिया जाएगा.
- बिहार राज्य के किसानों को ट्यूबवेल और पंप सेट के लिए 75,000 रुपये की अधिकतम इकाई लागत निर्धारित की है. इस पर सामान्य वर्ग के मछली पालकों को 50% की सब्सिडी और एससी-एसटी, ओबीसी मछली किसानों को 70% तक की अनुदान दिया जायेगा.
- तालाब में मछली पालन के लिए यांत्रिक एरेटर लगाने के लिए 50,000 की लागत निर्धारित की है. इस पर एससी-एसटी, ओबीसी मछली किसानों को 70% की सब्सिडी और सामान्य वर्ग के मछली पालकों को 50% तक अनुदान दिया जाएगा.
- मछली पालन के लिए बीज हैचरी का जीर्णोद्धार और उन्नयन के लिए 5 लाख तक इकाई लागत रखी गई है. इस पर सामान्य वर्ग के मछली पालकों को 50% तक सब्सिडी और एससी-एसटी, ओबीसी वर्ग के मछली पालकों को 70% तक की अनुदान दिया जाएगा.
’’मुख्यमंत्री तालाब मात्स्यिकी विकास योजना’’ के तहत आवेदन आमंत्रित किये जाते हैं।
— Directorate Of Fisheries, Bihar, Patna (@DirectorateOfF1) October 17, 2022
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग(मत्स्य) pic.twitter.com/lXaTjLSfba
आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- मतदाता पहचान पत्र
- जमीन का नक्शा या अभिप्रमाणित प्रति
- एससी-एसटी और ओबीसी वर्ग जाति प्रमाण पत्र
- बैंक खाता विवरण
- तालाब का निजी स्वामित्व प्रमाण पत्र
- तालाब के पट्टे की प्रति या लीज का इकरारनामा (कम से कम 11 माह)
यहां करें आवेदन
बिहार पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से चलाई जा रही मुख्यमंत्री तालाब मत्स्यिकी विकास योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन प्राप्त किए जा रहे हैं.
- किसान और मछली पालक चाहें तो आधिकारिक वेबसाइट fishries.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.
- अधिक जानकारी के लिये https://state.bihar.gov.in/ahd/CitizenHome.html पर भी विजिट कर सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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