Makhana Processing: पूरी दुनिया में मखाना के कुल उत्पादन का करीब 90 प्रतिशत प्रॉडक्शन बिहार में होता है. मखाना की खेती मुख्यतौर पर बिहार के मधुबनी, दरभंगा, सुपौल, पूर्णिया, सहरसा सहित कटिहार जिलों में की जाती है. यहां किसानों के लिये मखाना ही नकदी फसल है. पिछले दिनों मिथिलांचल मखाना को जीआई टैग मिलने के बाद राज्य में इसका उत्पादन बढ़ाने की कवायद की जा रही है. इसके लिये मखाना विकास योजना भी चलाई गई है, जिसके तहत राज्य के किसान, उद्यमियों और किसान उत्पादक संगठनों को आर्थिक सहायता मुहैया करवाई जा रही है.


इस योजना के जरिये मखाना के क्षेत्र में खुद का एग्री बिजनेस (Agri Business) भी शुरू कर सकते हैं. आइये जानते हैं कि कैसे बिहार के किसान इस योजना का लाभ लेकर मखाना की खेती के साथ प्रोसेसिंग (Food Processing) भी कर सकते हैं. साथ ही किन-किन जिलों में किसानों को मखाना उत्पादन करने के लिये आर्थिक सहायता दी जा रही है. 


मखाना विकास योजना
बिहार कृषि विभाग ने मखाना का क्वालिटी प्रॉडक्शन बढ़ाने के लिये मखाना विकास योजना-2022 (Makhana Vikas Yojana 2022) चलाई है. इस योजना के तहत राज्य में मखाना की उन्नत प्रजातियों के बीजों का उत्पादन और क्षमता विकास करना है. मखाना बीज उत्पादन और खेती की योजना के लिए कटिहार, दरभंगा, सुपौल, किशनगंज, पूर्णिया, सहरसा, अररिया, पश्चिम चम्पारण, मधेपुरा, मधुबनी और सीतामढ़ी को कवर किया गया है. इस योजना का लाभ लेने के लिये बिहार कृषि विभाग के ऑफिशियल पोर्टल state.bihar.gov.in/krishi/ पर विजिट कर सकते हैं. 






मखाना की खेती
बिहार में मखाना की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके लिये मखाना विकास योजना के तहत मखाना की उन्नत किस्मों से उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य है. बता दें कि साबौर मखाना-1 और स्वर्ण वैदेही प्रभेद को मखाना की उन्नत प्रजातियों के तौर पर पहचाना जाता है. अब राज्य सरकार ने इन्हीं किस्मों से मखाना की उत्पादकता और उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया है.


इन दोनों किस्मों से मखाना की खेती करने के लिये 97,000 रुपये की अधिकतम इकाई लागत रखी गई है. अगर मखाना की खेती में कम से कम 97,000 रुपये का खर्च आया है तो सरकार की तरफ से 75 प्रतिशत सब्सिडी यानी 72,750 रुपये तक अनुदान मिल सकता है. इस तरह आर्थिक सहायता पाने के लिये नजदीकी जिले के सहायक निदेशक, उद्यान से संपर्क कर सकते हैं. 


मखाना की प्रोसेसिंग
राज्य के किसानों को मखाना का बीज उत्पादन और खेती के साथ-साथ उसकी प्रोसेसिंग करने के लिये आर्थिक मदद दी जा रही है. इसके लिये बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति योजना चलाई जा रही है. इस योजना के तहत मखाना प्रसंस्करण उद्योग लगाने के लिये किसान और व्यक्तिगत निवेशकों को 15 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है.


वहीं किसान उत्पादक संगठन (FPO/FPC) को भी मखाना प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने के लिये करीब 25 प्रतिशत तक के अनुदान का प्रावधान है. इस तरह मखाना का उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ राज्य सरकार किसानों पर से खेती की लागत को कम करने और उन्हें एग्री बिजनेस से जुड़ने के लिये प्रेरित कर रही है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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