Tree Farming: आज खेती-किसानी सिर्फ फसल उत्पादन तक ही सीमित नहीं रह गया है. फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को इसी सेक्टर के दूसरे कामकाजों से भी जोड़ा जा रहा है. ट्री प्लांटेशन यानी वृक्षारोपण भी एक तरह से कृषि का ही अभिन्ना हिस्सा है. ये पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ फसल सुरक्षा में भी काफी हद तक मददगार है. पेड़ों से लकड़ी, फल, लुगदी, औषधी और तमाम कृषि उत्पाद मिलते हैं, जो बाजार में काफी अच्छे दाम पर बिक जाते हैं. पेड़ आधारित उत्पादों की डिमांड बढ़ रही है. ये इको फ्रेंडली भी होते हैं. यही वजह है कि बिहार में वृक्षारोपण को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके लिए बिहार नव विभाग की ओर से फलों से लेकर लकड़ी आधारित पेड़ों के पौधे मात्र 10 रुपये में उपलब्ध करवाए जाते हैं. इसके लिए बिहार कृषि विभाग ने कृषि वानिकी योजना भी चलाई है, जिसका लाभ लेने वाले किसानों को अनुदान भी मिलता है.
कौन-कौन ले सकता है लाभ
बिहार में पारंपरिक फसलों का चलन सदियों से है, लेकिन अब सरकार वृक्षारोपण और अन्य बागवानी फसलों की ओर किसानों का रुझान बढ़ाने की कोशिश में है. इस तरह किसानों के लिए अतिरिक्त आय का सृजन किया जा सकता है. ऐसा नहीं कि सिर्फ बिहार के किसान ही कृषि वानिकी स्कीम का लाभ ले सकते हैं.
बिहार में रहने वाला कोई भी व्यक्ति कृषि वानिकी से लाभान्वित होकर पेड़ लगा सकता है. यहां आवेदन करने वालों को वन विभाग की ओर से नर्सरी से 10 रुपये की सिक्योरिटी डिपोजिट पर पौधे दिए जाते हैं. अब यही सिक्योरिटी डिपोजिट 3 साल बाद किसानों को 6 गुना अधिक अनुदान के साथ वापस मिल जाता.
अनुदान के साथ मिलेगी अच्छी कीमत
मुख्यमंत्री कृषि वानिकी योजना के नियमानुसार, वन विभाग की नर्सरी से 25 से अधिक पौधे 10 रुपये के डिपोजिट पर खरीदने होंगे. ये मिले पौधे लगाने के 3 साल बाद 50 फीसदी पौधे जीवित रह जाते हैं तो सरकार प्रति पौधा 60 रुपये अनुदान और 10 रुपये सिक्योरिटी मनी भी वापस कर देगी.
इतना ही नहीं, हर पौधे पर किसान का मालिकाना हक होगा. यदि लकड़ी उत्पादन के लिए पौधा लगा रहे हैं तो 5-7 साल में कटिंग के लिए 10,000 रुपये प्रति एकड़ अनुदान भी मिल सकता है. इस लकड़ी को बेचकर पूरी कमाई किसान की ही होगी.
कैसे करें आवेदन
यदि आप भी बिहार के किसान या निवासी हैं तो मुख्यमंत्री कृषि वानिकी योजना का लाभ ले सकते हैं. इसके लिए अपने जिले में स्थित कृषि विभाग या वन विभाग के कार्यालय में जाकर आवेदन देना होगा. अधिकारियों की ओर से वेरिफिकेशन पूरा करने पर किसान को पौधे दे दिए जाएंगे और खेत पर पौधों का निरीक्षण भी होगा. जिन किसानों के खेत या फार्म्स खाली पड़े हैं वो मुख्यमंत्री कृषि वानिकी योजना का लाभ लेकर अच्छा पैसा कमा सकते हैं.
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