Mushroom Cultivation: आज के समय में खेती भी आधुनिक होती जा रही है. किसानों के स्मार्ट आइडिया कृषि में क्रांति लाने का काम कर रहे हैं. दिन पर दिन बदलती उपभोक्ताओं की मांग और बाजार के बदलते स्वरूप ने किसानों को भी एक नए सिरे से खेती करने के लिए प्रेरित किया है. अब नई तकनीक और नई फसलों में किसानों की रुचि बढ़ रही है. इसी के साथ अब किसान कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली फसलों की खेती कर रहे हैं. इन फसलों में मशरूम भी शामिल है. मशरूम ने बाजार में बहुत ही कम समय में अपना स्थाम कायम कर लिया है.


शहरों से लेकर कस्बों में लोग मशरूम को पसंद कर रहे हैं. किसानों के लिए भी मशरूम की खेती फायदे का सौदा बन रही है. भारत में बिहार को सबसे बड़े मशरूम उत्पादक राज्य का खिताब प्राप्त है. यहां ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए सरकार किसानों को अनुदान भी दे रही है.


मशरूम की खेती पर अनुदान


एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) योजना के तहत बिहार के किसानों को मशरूम उक्पादन यूनिट के साथ-साथ मशरुम स्पॉन (मशरूम का बीज) और मशरुम कंपोस्ट उत्पादन यूनिट लगाने के लिए अनुदान मिल रहा है. इस योजना के तहत मशरूम इकाईयों की लागत 20 लाख रुपये निर्धारित की गई है.


इस लागत पर 50 प्रतिशत सब्सिडी यानी 10 लाख रुपये तक के अनुदान का लाभ दिया जा सकता है. इस तरह पूरा खर्च किसानों के ऊपर भारी नहीं पड़ता, हालांकि किसान चाहें तो बाकी के खर्चों के लिए सहकारी बैंक से शॉर्ट टर्म लोन भी ले सकते हैं.


कहां करें आवेदन


यदि आप भी बिहार के मूल निवासी हैं. अपनी खेती योग्य जमीन है तो एकीकृत बागवानी मिशन के तहत मशरूम प्रोडक्शन यूनिट स्थापित करने के लिए अनुदान का लाभ ले सकते हैं. इसके लिए बिहार कृषि विभाग, बागवानी निदेशालय की ऑफिशियल वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर विजिट कर सकते हैं.अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के उद्यान विभाग के सहायक निदेशक से भी संपर्क कर सकते हैं.






लागत से 10 गुना ज्यादा कमाई


दुनियाभर में मशरूम की हजारों किस्में मौजूद हैं. इनमें से कुछ बहुत ही ज्यादा पोषण से भरपूर और औषधीय गुणों से युक्त होती हैं. इनमें बटन मशरूम, शिटाके मशरूम, ऑयस्टर मशरूम, मिल्की मशरूम, पुआल मशरूम, क्रेमिनी मशरूम, एनोकी मशरूम और पोर्सिनी मशरूम का नाम टॉप पर आता है.


आप चाहें तो बेहद कम लागत में मशरूम उत्पादन का बिजनेस करके सालभर में अच्छी आय ले सकते हैं. एक अनुमान के मुताबिक, यदि 50 से 60 हजार रुपये की लागत से मशरूम उत्पादन यूनिट लगाई है तो 2-4 महीने के अंदर आराम से 4 से 5 लाख रुपये की आय ले सकते  हैं.


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