Farmers Scheme: खेती-किसानी बड़ी मेहनत का काम है. खेत-खलिहानों में पसीना बहाने के बाद कहीं जाकर किसान फसलों से सही उत्पादन ले पाते हैं. कई बार ज्यादा मेहनत-मजदूरी करने से सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है. तभी तो आज के समय में किसानों को मशीनीकरण और नई कृषि तकनीकों से जोड़ा जा रहा है, जिससे कम मेहनत में ही फसल से बढ़िया उत्पादन मिल जाता है. मनवीय श्रम के बजाए खेती में मशीनों के इस्तेमाल से खेती की लागत भी कम होती है.
यही वजह है कि अब केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर किसानों को सस्ती दरों पर कृषि यंत्र और उपकरण उपलब्ध करवा रही हैं. इसी कड़ी में बिहार सरकार ने भी 'सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मेकेनाइजेशन योजना' (2022-23) चलाई है, जिसके तहत कस्टम हायरिंग सेटर (Custom Hiring Center) और फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना के लिए अनुदान दिया जा रहा है. इससे किसानों के लिए खेती तो आसानी होगी ही, साथ ही किसान तकनीक-मशीनीकरण से जुड़कर आत्मनिर्भर भी बनेंगे.
कौन-कौन है लाभार्थी
बिहार कृषि विभाग की 'सब मिशन ऑन एग्रीकल्चरल मेकेनाइजेशन योजना' (2022-23) के तहत राज्य के इच्छुक जीविका समूह, ग्राम संगठन, क्लस्टर फेडरेशन, आत्मा से जुड़े फार्मर इंट्रेस्ट ग्रुप (FIG), नाबार्ड, राष्ट्रीयकृत बैंक से जुड़े किसान क्लब, किसान उत्पादक संगठन (FPO), स्वयं सहायता समूह, उद्यमी और प्रगतिशील किसान अपनी सुविधा के हिसाब से कस्मट हायरिंग सेंटर या फार्म मशीनरी बैंक (Farm Machinery Bank) की स्थापना के लिए आर्थिक मदद हेतु ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
कहां करें आवेदन
कस्टम हायरिंग या फार्म मशीनरी बैंक खोलने के लिए कृषि विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट http://farmech.bih.nic.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. कृषि विभाग की साइट पर आवेदन 30 दिसंबर 2022 से चालू होंगे, जिसके बाद 31 जनवरी 2022 तक सभी दस्तावेजों के साथ अप्लाई कर सकते हैं. इस योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी जिले के जिला कृषि पदाधिकारी या कृषि अभियांत्रिकी के सहायक निदेशक से भी संपर्क कर सकते हैं.
क्या है शर्त
यदि आप भी इस स्कीम का लाभ लेना चाहते हैं तो सरकार की एक शर्त का पालन करना होगा. अनुदानित दरों पर कस्टम हायरिंग सेंटर/कृषि यंत्र बैंक की स्थापना के बाद फसल चक्र के अनुसार ट्रैक्टर चलित या स्वचलित जुताई, बुवाई/ रोपाई, हार्वेस्टिंग और थ्रेसिंग से जुड़े एक-एक कृषि यंत्र रखना अनिवार्य है.
कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए सब्सिडी
बिहार सरकार ने राज्य के सभी जिलों में कुल 150 कृषि मशीनरी बैंक की स्थापना का लक्ष्य रखा है. इस स्कीम के तहत अधिकतम खर्च 10 लाख रुपये निर्धारित किया गया है, जिस पर 40% सब्सिडी यानी 4 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा.
एक और स्कीम के तहत सरकार ने 25 जिलों के चयनित गांव में कुल 160 फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना के लिए 10 लाख रुपये की लागत निर्धारित की है, जिस पर 80% सब्सिडी यानी अधिकतम 8 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा.
फसल अवशेष प्रबंधन के लिए भी कुल 21 स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित किए जाने हैं, जिनकी इकाई लागत 20 लाख रुपये निर्धारित की गई है. इसमें 55 PTO HP तक के ट्रैक्टर पर 40% सब्सिडी यानी 3.40 लाख रुपये के अनुदान का भी प्रावधान है, जबकि बाकी कृषि यंत्रों पर 80% सब्सिडी यानी 12 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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