Agri Machine Subsidy: देश में रबी फसलों की बुवाई पूरी हो चुकी है. इस समय किसान अपनी फसल में निराई-गुड़ाई और देखभाल करने में लगे हैं. कई किसानों ने रबी फसलों की अगेती बुवाई की थी, जो 2 महीने के अंदर कटाई के लिए तैयार हो जाएगी. इस बीच बिहार राज्य सरकार ने किसानों को स्मॉल हार्वेस्टर के नाम से फेमस रीपर की खरीद के लिए अनुदान योजना चलाई है. बिहार कृषि विभाग ने कृषि यंत्रीकरण योजना चलाई है, जिसके तहत कटाई-छंटाई के काम को कुछ ही समय में निपटाने वाली ये ऑटोमेटिक रीपर मशीन पर 40 से 50 फीसदी की सब्सिडी दी जा रही है.


बता दें कि ऑटोमेटिक रीपर मशीन से धान, गेहूं, मक्का और तिलहनी समेत कई पारंपरिक फसलों की कटाई बड़े ही आसानी से कर सकते हैं. बाजार में यह मशीन 1.5 लाख से 2 लाख रुपये में मिल जाएगी, लेकिन बिहार कृषि विभाग इस मशीन को लगभग आधे दामों पर दिलवा रहा है. यहां जानिए इस मशीन के फायदे


क्या है ऑटोमेटिक रीपर मशीन
बड़े-बड़े खेतों  में फसल की कटाई के लिए लेबर की ज्यादा लगती है. गांव से ज्यादातर लोग शहरों की तरफ बढ़ रहे हैं, जिससे अब बिना मशीन के खेती करना भी मुश्किल होता जा रहा है. इस बीच फसल की कटाई भी समय पर होना बेहद जरूरी है. ऑटोमेटिक रीपर मशीन एक अच्छा ऑप्शन है, जो जड़ों के कुछ ऊपर से ही फसल की कटाई करके एक तरफ लाइन में लगाते हुए आगे बढ़ती है. अगर आप क्रॉप हार्वेस्टर नहीं खरीद पा रहे, जिसकी कीमत लाखों में आती है तो इंजन से चलने वाली ऑटोमेटिक रीपर मशीन आपके लिए सबसे सुविधाजनक साबित होगी.






कितनी सब्सिडी दे रही सरकार
बिहार कृषि विभाग ने कृषि यंत्रीकरण योजना चलाई है, जिसके तहत ऑटोमेटिक रीपर मशीन की खरीद पर किसानों को 40 फीसदी से लेकर 50 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है. 



  • ऑटोमेटिक रीपर मशीन खरीदने के लिए सामान्य वर्ग के किसानों को अधिकतम 50,000 रुपये या 40 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी.

  • वहीं एससी-एसटी और पिछड़ा वर्ग के किसानों को इस ऑटोमेटिक रीपर खरीद पर 60,000 रुपये यानी  50 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा.


कहां आवेदन करें
अगर आप भी बिहार के किसान हैं और ज्यादातर पारंपरिक फसलों की खेती करते हैं तो ऑटोमेटिक रीपर मशीन आपके लिए फायदेमंद साबित होगी. इस मशीन की खरीद पर अनुदान का लाभ लेने के लिए   बिहार कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल dbtagriculture.bihar.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.


बिहार सरकार ने मशीनों की खरीद के लिए अलग से पोर्टल भी बनाया है, जिस पर www.farmech.bih.nic.in विजिट करके अधिक जानकारी हासिल कर सकते हैं. ध्यान रखें कि आवेदक किसान के पास रजिस्ट्रेशन नंबर होना चाहिए. अगर नहीं है तो http://horticulture.bihar.gov.in/ पर जाकर पंजीकरण कर सकते है. अधिक जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 1800-180-1551 पर भी कॉल करके संपर्क कर सकते हैं.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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