Agri Innovation: अब से खेती के लिए अपना बीज खुद उगाएंगे यहां के किसान, सरकार की इस खास योजना से मिलेगा लाभ
Seed Production: बिहार को बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृषि विभाग की 90% खाली जमीन का इस्तेमाल किया जाएगा. बसोका के एक सेमिनार ने कृषि मंत्री ने इसकी घोषणा की है.
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Seed Farming: जल्द बीज उत्पादन के क्षेत्र में बिहार आत्मनिर्भर बनाने जा रहा है. इसके लिए राज्य सरकार ने एक खास प्लानिंग की हुई है. हाल ही में बिहार स्टेट सीड एंड ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन एजेंसी (BASOKA) के 'बीज उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर' विषय पर आयोजित एक राज्यस्तरीय सेमिनार में बिहार के कृषि मंत्री ने घोषणा की है कि आने वाला चौथा कृषि रोड मैप कुछ इस तरह तैयार किया जाएगा कि किसानों को बीज के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर ना रहना पड़े. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कृषि विभाग की कुल जमीन का 90 फीसदी खाली पड़ा हिस्सा बीजोत्पादन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.
इन राज्यों से मिलेगी मदद
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बीज उत्पादन के क्षेत्र में बिहार को आत्मनिर्भर बनने के लिए इस क्षेत्र में अग्रणी निजी कंपनियों को बिहार में इनवाइट किया जाएगा. इस काम के लिए केरल और तेलंगाना की कई कपंनियों से संपर्क करने का प्लान है. ये कंपनियां पूरी आजादी से बीज उत्पादन कर सकती है, लेकिन सरकार की एक शर्त भी है. इन कंपनियों को बीज उत्पादन करके करीब 50 फीसदी हिस्सा राज्य में ही देना होगा. इस मामले में बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि बिहार के जिस जिल में जिस फसल का अहम रोल है, किसानों को भी उन्हीं फसलों के बीज प्राथमिकता से उपलब्ध करवाए जाएं.
15 लाख क्विंटल बीज उत्पादन की आवश्यकता
बीज उत्पादन के क्षेत्र में बिहार को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य को हर साल 15 लाख क्विंटल बीज उत्पादन करना होगा, हालांकि अभी राज्य में सिर्फ 4.06 लाख क्विंटल बीज का प्रोडक्शन मिल रहा है, जो किसानों के लिए काफी नहीं है. इसकी आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए दूसरे राज्यों से बीज मंगवाना पड़ रहा है.
इस 7 क्षेत्र में नए सिरे से काम करने के लिए मिशन 4.0 चलाया गया है, जिसके तहत 4 लाख क्विंटल के लक्ष्य के साथ 3.06 क्विंटल बीज उत्पादन मिल गया है. इसी के विपरीत बिहार राज्य निगम की प्रोसेसिंग क्षमता सालाना 8.30 लाख क्विंटल है.
कम बीजों से घट जाता है उत्पादन
बसोका के राज्य स्तरीय सेमिनार में कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने बताया कि बेशक किसान के पास खाद-उर्वरक और सिंचाई की सही व्यवस्था हो, लेकिन यदि अच्छी क्वालिटी का बीज नहीं है तो 40 से 60 फीसदी उत्पादन घटने के चांस होते हैं.
वहीं अगर अच्छी गुणवत्ता का बीज किसानों को दिया जाए तो फसल उत्पादन के साथ-साथ किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी. उन्होंने बताया कि राज्य में बीजों के प्रति स्थापन की दर करीब एक-तिहाई होनी चाहिए. बता दें कि बिहार में धान और गेहूं के बीजों की प्रतिस्थापन दर करीब 50 फीसदी है. वहीं मक्का के बीजों की 90 प्रतिशत से ऊपर होने का दावा है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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