Black Guava Farming: काला अमरूद चमका देगा आपकी किस्मत, कम खर्च में मिलेगी बंपर पैदावार
Guava Cultivation: काले अमरूद के फल का वजन लगभग 100 ग्राम तक होता है. ये दिखने में जितने ज्यादा आकर्षक होते हैं, इनकी खेती में भी उतना ही कम खर्च लगता है.
Black Guava Cultivation: भारत में किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लिये नये-नये बदलाव किये जा रहे हैं. इस बीच किसानों को भी महंगी, दुर्लभ और नकदी फसलों की खेती (Advanced Farming) के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है, क्योंकि बाजार में भी सबसे ज्यादा इन्हीं फसलों की मांग और कीमत होती है. ऐसी ही दुर्लभ और मंहगी फसल में शामिल है काला अमरूद (Black Guava Farming), जिसमें मौजूद औषधीय गुण सेहत के लिये लाभकारी तो हैं ही, साथ किसानों को भी कम समय में अच्छा मुनाफा दिलवा सकते हैं. अपनी विशेषताओं के कारण पिछले दिनों ये किस्म काफी लोकप्रिय हुई है. किसान चाहें को कम लागत में इसकी खेती (Black Guava Cultivation) करके अच्छी आमदनी कमा सकते हैं.
काला अमरूद
साधारण अमरूद के मुकाबले काले अमरूद में औषधीय गुण, जरूरी पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं, जो शरीर की रोगप्रतिरोधी क्षता बढ़ाकर बीमारियों के खिलाफ एक ढ़ाल का काम करते हैं. इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि ये बुढापे के लक्षणों को रोकने में मददगार है. इस काम के लिये काले अमरूद में एंटी एजिंग गुण भी मौजूद है.
काले अमरूद की खेती
काले अमरूद की किस्म यह बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई, जिसके बाद देशभर के ज्यादातर किसानों ने इसकी बागवानी शुरू कर दी. हाल ही में हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के कोलर क्षेत्र में काले अमरूद की खेती शुरू हुई है. यहां उत्तर प्रदेश की सहारनपुर (Saharanpur, Uttar Pradesh) नर्सरी से पौधों को खरीदकर रोपाई का काम किया गया है.
- बता दें कि काले रंग का अमरूद किसी अजूबे से कम नहीं है. इसकी पत्तियां और अंदर गूदे का रंग भी गहरा लाल या महरूम होता है.
- काले अमरूद के फल का वजन लगभग 100 ग्राम तक होता है. ये दिखने में जितने ज्यादा आकर्षक होते हैं, इनकी खेती में भी उतना ही कम खर्च लगता है.
- सबसे अच्छी बात तो यह है कि इसकी खेती ठंड प्रदेशों में ही की जाती है और इसके फलों में कीट-रोगों की भी अधिक संभावना नहीं रहती.
व्यावसायिक खेती से होगा फायदा
देशभर के बाजारों में अभी तक सिर्फ पीले अमरूद (Yellow Guava) और हरे अमरूद (Green Guava)का ही दबदबा रहा है, लेकिन काले अमरूद की व्यावसायिक खेती (Commercial Farming of Guava) करके एक नया बाजार खड़ा कर सकते हैं. बता दें कि इसकी खेती के लिये सर्द और शुष्क तापमान होना चाहिये. वहीं जल निकासी वाली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त रहती है. कृषि विशेषज्ञ की मानें तो काले अमरूद की खेती (Black Guava Cultivation) करने से पहले मिट्टी की जांच और विशेषज्ञ से सलाह-मशवरा अवश्य करें, ताकि फसल में जोखिमों की संभावना भी कम रहे.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
इसे भी पढ़ें:-
Subsidy Offer: अब बिहार में भी होगी सेब की खेती, सरकार दे रही है 50% सब्सिडी का ऑफर, जल्द करें आवेदन