Wheat Seeds: रोटी होंगी नरम और पोषक तत्वों से भरपूर, साइंटिस्ट गेहूं की प्रजाति विकसित कर कमाल कर दिया
छत्तीसगढ़ के वैज्ञानिकों ने गेहूं की नई प्रजाति विकसित की है. यह प्रजाति पोष्टिक तत्वों से भरपूर होगी. करीब 12 घंटे तक रोटी मुलायम बनी रहेगी और भी बहुत खूबियां हैं.
Wheat Crop: गेहूं, धान, गन्ना समेत अन्य फसलों के नए बीजों के लिए कृषि वैज्ञानिक रिसर्च करते रहते हैं. हाल में गन्ना की नई प्रजाति को लेकर रिसर्च की गई थी. रिसर्च में गन्ने की ऐसी ही प्रजाति विकसित की गई, जिससे एक एकड़ भूमि में 55 टन तक गन्ने की पैदावार हो सकेगी. अब छत्तीसगढ़ के कृषि वैज्ञानिकों ने गेहूं की ऐसी ही नई प्रजाति विकसित की है. कृषि वैज्ञानिक गेहूं की इस प्रजाति को विकसित करने में काफी समय से लगे हुए थे. अब जाकर साइंटिस्ट को सफलता हाथ लगी है.
12 घंटे तक नरम रहेंगी रोटिया, पोष्टिकता होगी भरपूर
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि गेहूं की जो नई प्रजाति विकसित की गई है. उसे विद्या सीजी 1036 नाम दिया गया है. इसके आटे से बनी रोटियां अधिक नरम होंगी और इनमें पोष्टिक्ता भी काफी अधिक होगी. इस गेहूं से जो आटा बनेगा. वह अधिक पानी सोख सकेगा. इस कारण रोटियां अधिक फूली हुई होंगी. वैज्ञानिकों के अनुसार, रोटिया ठंडी होने के बाद भी 10 से 12 घंटे तक नरम होंगी. इनका स्वाद भी बेहतर बना रहेगा.
इन क्षेत्रों के लिए होगी उपयोगी
केंद्र सरकार के अखिल भारतीय समन्वित गेहूं और जौ अनुसंधान केंद्र ने गेहूं की नई प्रजाति को छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान के कोटा, उदयपुर एवं उत्तर प्रदेश के झांसी संभाग के लिए उपयोगी माना है. इन क्षेत्रों में फसल का उत्पादन बेहतर होगा. किसान अच्छी उपज पा सकेंगे.
आटा गूंथने के बाद नहीं आएगा कालापन
गेहूं की इस नई विकसित किस्म विद्या सीजी 1036 को केंद्र सरकार ने अधिसूचित कर लिया है. विशेषज्ञों के अनुसार, शरबती प्रजाति का सूचकांक 8.15/10 है. जबकि परीक्षण में नई प्रजाति का चपाती गुणवत्ता सूचकांक 8.5/10 मिला है. यह देश की सभी गेहूं प्रजाति में सबसे अधिक है. रिसर्च करने वाले कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, आटा जब गूंथा जाता है और कुछ समय के लिए रख दिया जाए तो उसमें कालापन आ जाता है. इस नई प्रजाति में फिनाल तत्व कम है. इसलिए गेहूं की नई प्रजाति में गूंथने के बाद कालापन नहीं आएगा.
कम सिंचाई की होगी जरूरत
अभी तक जो प्रजाति मौजूद है. उन्हें 5 से 6 बार सिंचाई की जरूरत होती है. साइंटिस्ट ने जो नई प्रजाति विकसित की है. उसमें कम सिंचाई की जरूरत पड़ेगी. तीन बार सिंचाई करने से ही अच्छी पैदावार मिल सकेगी. अभी तक गेहूं की सी-306 या शरबती गेहूं के नाम की किस्म को रोटी के लिए सबसे बेहतर माना जाता था. छत्तीसगढ़ की यह नई प्रजाति उससे बेहतर बताई जा रही है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि और तरीकों को केवल सुझाव के रूप में लें. किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.