Brinjal Farming In India: देश के वैज्ञानिक लगातार कोशिश करते हैं कि हर फल, सब्जी की अच्छी से अच्छी प्रजाति विकसित की जाए. इसमें पानी की आवश्यकता कम हो. लागत कम लगे और उत्पादन अधिक हो जाए. इनका लाभ भी किसानों को मिलता है. अब बैंगन की ऐसी ही प्रजाति विकसित की है, जिससे किसानों का मुनाफा बढ़ जाएगा. किसानों के लिए यह प्रजाति खासी लाभकारी साबित होगी. 


बैंगन की ये प्रजातियां की गईं विकसित 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, औरंगाबाद के जालना की कंपनी बेजो शीतल सीड्स प्राइवेट लिमिटेड स्थित है. कंपनी ने जनक और बीएसएस 793 नामक पहली-फिलियल जनरेशन हाइब्रिड बैंगन की प्रजाति विकसित की है. इन प्रजातियों का लाभ आने वाले दिनों में किसान को मिलेगा. 


ट्रांसजेनिक तकनीक का किया इस्तेमाल
कंपनी के पदाधिकारियों का दावा है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने ट्रांसजेनिक तकनीक विकसितक की है. इस तकनीक की मदद लेकर ही बैंगन की नई प्रजाति जनक और बीएसएस- 793 की बीटी किस्मों को विकसित किया गया है. इस प्रजाति में बीटी जीन, क्राय1 एफए1 जीन का प्रयोग किया है. इसे आईएआरआई ने पेंटेंट भी कराया है. इस तकनीक का प्रयोग करने से बेहतर गुणवत्ता की सब्जी, उपज हो सकेगी. 


बीजों को नुकसान भी नहीं होता
कंपनी अधिकारियों का कहना है कि बेजो शीतल ने तकनीक का लाइसेंस 2005 में ले लिया था. परीक्षण करने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ हॉर्टिकल्चर साइंसेज, बागलकोट, कर्नाटक से अनुरोध किया है. विशेष रूप से शूट और फ्रूट बोरर ल्यूसिनोड्स ऑर्बोनालिस जैसे कीटों के खिलाफ प्रतिरोध के लिए विकसित किया गया है. इन प्रजातियों की अच्छी बात यह है कि बीजों का नुकसान प्रतिशत बहुत कम है. ऐसे समझ लिजिए, यदि 100 फल लेते हैं तो 97 बिना किसी नुकसान के विपणन योग्य हैं.


वैज्ञानिकों की देखरेख में होगा परीक्षण
कंपनी अधिकारियों का कहना है कि यदि हाइब्रिड बैंगन किस्मों के परीक्षण का अनुरोध स्वीकार कर लेते हैं तो कंपनी का अगला कदम इसका परीक्षण कराना होगा. इसके लिए कंपनी भारत में जैव प्रौद्योगिकी नियामक, जेनेटिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति से संपर्क करेगी. यदि समय पर हमें गाइडलाइन मिल जाती हैं तो खरीफ सीजन में ही एक हेक्टेयर क्षेत्र में विश्वविद्यालय के स्तर से नामित वैज्ञानिक या फसल प्रजनक की देखरेख में परीक्षण कराया जाएगा. इसके लिए यह भी देखना होगा कि कितने बीज की जरूरत पड़ेगी. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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