Lumpy Virus In Rajasthan: कोरोना ने इंसानों पर कहर बरपाया तो लंपी पशुओं का काल बनकर सामने आया. देश में लाखों पशुओं की मौत इसी वायरस की चपेट में आकर हो गई. केंद्र सरकार के सहयोग से सभी राज्य सरकारों ने इस वायरस से निपटने के लिए मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड समेत सभी राज्यों में टीकाकरण अभियान चलाया गया. हर राज्यों की रिपोर्ट केंद्र सरकार के स्तर से ली गई. इसका असर ग्राउंड लेवल पर देखने को मिला. लंपी वायरस के मामले तेजी से घटे हैं. वहीं, इस वायरस से सबसे ज्यादा परेशान होने वाला राज्य राजस्थान रहा. अब वहां की राज्य सरकार ने पशुपालकों को राहत दी है.


मृत पशुओं का 40 हजार मुआवजा देगी सरकार
राजस्थान में पिछले साल पशुओं पर लंपी वायरस कहर बनकर टूटा था. शुक्रवार को गहलोत सरकार की ओर से पेश हुए बजट में ऐसे पशुपालकों के जख्मों पर मरहम लगाने की कोशिश की गई है. लंपी ने जिनके पशुओं को उनसे छीन लिया था. बजट में महामारी में मरने वाले दुधारू पशुओं पर प्रति गाय 40 हजार रुपए दिए जाने की घोषणा की है. किसानों का कहना है कि बजट से राज्य सरकार ने राहत देने की कोशिश की है. 


राजस्थान में लंपी ने जमकर कहर बरपाया
लंपी को लेकर राजस्थान देश में सबसे ज्यादा प्रभावित वाले राज्यों में रहा है. सितंबर-अक्टूबर के आंकड़ों में राजस्थान में लंपी को लेकर बेहद भयावह स्थिति सामने आई थी. सितंबर में राजस्थान में जो आंकड़े सामने आए थे. उसके अनुसार, सितंबर में करीब 11 लाख पशु लंपी वायरस की चपेट में आ गए थे. इनमें से करीब 47 हजार गौवंशों की मौत हो चुकी थी. पशुपालन विभाग ने बड़े स्केल पर टीकाकरण अभियान चलाया था. इसका असर भी दिखा और लंपी की चपेट से धीरे धीरे पशु बाहर आते चले गए. 


पश्चिमी राजस्थान में अधिक फैला था लंपी
पश्चिमी राजस्थान में लंपी का कोप अधिक देखने को मिला था. जोधपुर, बाड़मेर, पाली, बीकानेर, नागौर, जैसलमेर, धौलपुर में लंपी का संक्रमण अधिक देखने को दिखा. इनमें से 6 जिले पश्चिमी राजस्थान में हैं. पश्चिमी राजस्थान के आंकड़ों पर ही गौर करें तो करीब 17 हजार गौवंश लंपी वायरस की चपेट में आकर मर गए थे. हालांकि यह आंकड़े सरकारी थे. लंपी वायरस से संक्रमित होने वाले पशुओं की संख्या इससे कहीं अधिक बताई जा रही थी. 



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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