Buffalo Tail Amputation: क्यों भैंस की पूंछ काटनी पड़ती है? क्या आप जानते हैं इसकी वजह
भैंस की पूंछें कटी हुई देखी होंगी. किसी तरह का गंभीर इन्फेक्शन होने, चोट लगने, कैंसर होने जैसी स्थिति होने पर भैंस की पूंछ काटनी पड़ती है. सर्जरी योग्य डॉक्टर की देखरेख में होनी चाहिए.
Buffalo Tail Amputation In India: दुग्ध उत्पादन के देश में अधिकांश किसान या पशुपालक भैंस को ही पसंद करते हैं. दूध की मात्रा अधिक और पोषक युक्त होने के कारण लोग भी इसे पीना पसंद करते हैं. पशु कई तरह के रोगों के शिकार हो जाते हैं. भैंसों की पूंछ भी ऐसा ही पार्ट है. इन्पफेक्शन होने से कई बार भैंस कापफी परेशान हो जाती हैं. पशुपालक भी परेशान रहते हैं. आइए जानते हैं कि पूंछ किन स्थितियों में काटनी पड़ती है और इसका तरीका क्या है?
Tail Amputation कहलाती है प्रक्रिया
भैंस की पूंछ में आमतौर पर संक्रमण हो जाता है या किसी दूसरे जानवर के खुर के नीचे आने से भी भैंस की पूंछ मेें चोट लग जाती है. यह इन्पफेक्शन इतना गंभीर होता है. पूंछ का नीचे वाला हिस्सा खुद से ही गिरने लगता है. कई बार संक्रमण ज्यादा बढ़ने पर पूंछ काटनी पड़ती है. पूछ काटने की यह प्रक्रिया को Tail Amputation कहा जाता है
कब काटनी पड़ती है भैंस की पूंछ
डॉक्टरों का कहना है कि भैंस की पूंछ कई बार खुद से कट जाती है तो कई बार काटनी पड़ती है. इसके पीछे कई कारक जिम्मेदार होते हैं. मसलन, पूंछ के निचले हिस्से पर गंभीर संक्रमण का हो जाना, खुर के नीचे आ जाने से पूंछ पर गंभीर चोट लग जाना, पूंछ के निचले हिस्से से बालों का उड़ना, पूंछ से ब्लीडिंग होना, पूंछ मेें ब्लड सप्लाई बंद हो जाना, पूंछ का काला पड़ना, भैंस की पूंछ पर बैक्टीरियल और पेरसाइट अटैक करते रहते हैं. इससे कई बार सामान्य तो कई बार गंभीर इन्फेक्शन हो जाता है. इसके अलावा पूंछ में कोई कैंसर होने या गांठ बनने से, पूंछ की ब्लड वेसेल्स क्षतिग्रस्त होने पर या कोई गंभीर रोग होने पर पूंछ को काटना पड़ता है.
पहले जांच कराएं, फिर इलाज
डॉक्टरों का कहना है कि भैंस की साफ सफाई करते समय पूंछ की जांच कर लें. यदि पूंछ में किसी तरह का इन्फेक्शन दिख रहा है. गलाव पड़ रहा है. पूंछ काली हो रही है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. डॉक्टर डॉक्टर कैंसर, अन्य गांठ की जांच कर सकते हैं. यदि इन्फेक्शन गंभीर नेचर का है तो उसका तुरंत इलाज शुरू कर देते हैं.
कैसे होती है पूंछ काटने की कार्रवाई
पूंछ काटने की प्रक्रिया अपनाते समय भैंस होश में खड़ी रहती है. पूंछ के उपरी हिस्से में कसकर पटटी बांध दी जाती है. इसके बाद पूंछ के जोड़ों की जांच की जाती है, ताकि काटते समय किसी तरह की परेशानी न हो. काटने वाले हिस्से में सुन्न करने के इंजेक्शन लगा दिए जाते हैं. इंजेक्शन लगाने के बाद सर्जरी की कार्रवाई शुरू कर दी जाती है. बोन्स के ज्वाइंट को ध्यान में रखकर पूंछ काट दी जाती है. इसके बाद में इस पर इस तरह से बैंडेज की जाती है, जिससे ब्लड वेसेल्स में किसी तरह की दिक्कत न आएं. कुछ दिनों तक पूंछ की केयर की जाती है. घाव भरने पर पूंछ को खुला छोड़ दिया जाता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.