Buffer Stock: खरीफ़ फसलों की कटाई होने लगी है. देश में खाद्यान्न की कमी ना हो और किसानों को MSP पर फसलों के दाम मिल जाएं, इसी को लेकर सेंट्रल गवर्नमेंट ने कदम उठाए हैं. खाद्यान्न खरीद के मामले में इस बार सेंट्रल गवर्नमेंट का बफर स्टॉक दोगुना होगा. केंद्रीय खाद्य मंत्रालय इस बार 518 लाख टन चावल और 13.71 लाख टन मोटे अनाज की सरकारी खरीद का लक्ष्य किया है. केंद्र सरकार ने खाद्यान्न खरीद के लिए ग्राउंड लेवल पर कार्रवाई शुरू कर दी है.


सेंट्रल पूल में होगा दोगुने से अधिक स्टॉक


स्टाफ का निर्धारित मानक 75 लाख टन गेहूं और 136 लाख टन चावल है, जबकि इस बार गेहूं और चावल बड़ी मात्रा में खरीदे जा रहे हैं. इस हिसाब से देखें तो बफर स्टॉक में पिछले साल के मुकाबले दोगुने से अधिक गेहूं और चावल मौजूद मौजूद होगा.


केंद्रीय योजना के संचालन में नहीं आएगी अड़चन


प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना इस सितंबर में अगले 3 महीने के लिए बढ़ा दी गई है. अब यह योजना दिसंबर 2022 तक जारी रहेगी. इस योजना पर 44762 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा. यह खर्चा केंद्र सरकार वहन करेगी. इसी के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट ने अपने बफर स्टॉक को दोगुना किया है. खाद्य मंत्रालय का दावा है कि गोदामों में खाद्यान्न का पर्याप्त भंडार है. इससे नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत दिए जाने वाले अनाज की सप्लाई में कोई अड़चन नहीं आएगी.


मोटा अनाज खरीदने पर अधिक जोर


सेंट्रल गवर्नमेंट के अफसर गेहूं और चावल खरीद की लगातार समीक्षा कर रहे हैं. सरकार की कोशिश है कि मोटे अनाज का भंडार भी ठीक-ठाक कर लिया जाए. इसकी खरीद को भी मोटिवेट किया जाए. पिछले वर्ष खरीफ सीजन में ही 6. 30 लाख टन मोटे अनाज वाली फसलों की खरीद हुई थी. सेंट्रल गवर्नमेंट में इसका टारगेट अब दोगुने से अधिक कर दिया है.


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