Vegetable Farming in Kharif Season: भारत में रिमझिम बारिश के साथ-साथ मानसून का आगाज़ हो चुका है. इस समय किसान अपने खेतों की तैयारी करके फसलों की रोपाई का काम कर रहे हैं. फिल्हाल खरीफ फसल चक्र चल रहा है, जिसमें कई किसान भाई सब्जियों की खेती करने की प्लानिंग कर रहे हैं, क्योंकि कुछ सब्जियां बारिश के मौसम में तेजी से बढ़ती है. इतना ही नहीं,  इस मौसम में सिंचाई के पानी की बचत तो होती है, साथ ही बेहतर क्वालिटी का उत्पादन भी मिल जाता है. जून में सब्जी के बीजों की बुवाई करने पर सितंबर तक अच्छी पैदावार मिल जाती है. तो आइये जानते हैं अच्छी पैदावार देने वाली सब्जियों के बारे में-


खीरा
खीरा एक आसानी से उगाई जाने वाली बेलदार सब्जी है, जिसकी फसल की खेतों या पॉलीहाउस में लगा सकते हैं. इसकी फसल को बढ़ने के लिये अच्छी धूप और पानी की जरूरत होती है. कम जगह में भी खीरा की खेती करने से अच्छा मुनाफा मिल जाता है. भारत में खीरा को ज्यादातर सलाद के रूप में खाया जाता है


मूली
भुजिया-सलाद के रूप में इस्तेमाल होने वाली मूली रोपाई के तीन सप्ताह बाद ही कटाई के लिये तैयार हो जाती है. इसलिये बढ़ते मौसम में किसान कई बार मूली उगाकर लाभ कमा सकते हैं. 


फली यानी बीन्स
पौधे की रोपाई से लेकर देखभाल के नजरिये से बीन्स की खेती करना बेहद आसान है. यह एक बेलदार पौधा होता है, जो बारिश में तेजी से बढ़ता है. ठंडे मौसम में ही इससे फलियों का अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है. आमतौर पर इसकी खेती तेज बारिश यानी जुलाई-अगस्त के बीच में की जाती है.


करेला
कैंसर जैसी घातक बीमारियों के लिये संजीवनी बूटी की तरह काम करने वाला करेला बारिश के मौसम में ही उगाया जाता है. इस मौसम में अच्छी बारिश के चलते फसल को मिट्टी के सभी पोषक तत्व मिल जाते हैं. कम समय में करेला की दोगुना उपज के लिये इसकी खेती मानसून में करना लाभकारी रहता है.


हरी मिर्च
सालभर सब्जियों और व्यंजनों का ज़ायका बढ़ाने वाली हरी मिर्च का सबसे अच्छा और तीखा उत्पादन बारिश में ही मिलता है. मिर्च की सबसे बड़ी खासियत है कि इसकी खेती किसी भी तरह की मिट्टी में की जा सकती है. खासकर बलुई दोमट या लाल मिट्टी में इसका सबसे अच्छा उत्पादन मिलता है. बारिश के मौसम में किचन या टेरेस गार्डन में भी मिर्च उगा सकते हैं.


चुकंदर
जल निकासी की अच्छी व्यवस्था के साथ बारिश के मौसम में चुकंदर की अच्छी फसल ले सकते हैं. वैसे भी चुकंदर की फसल को बढ़ने के लिये 5-6 दिनों में पानी की सख्त जरूरत पड़ती है. आमतौर पर चुकंदर के पौधे बुवाई के 15 दिन बाद ही दिखाई पड़ते हैं, लेकिन इसकी फसल 2 महीने में ही पककर तैयार हो जाती है.


 


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