Cactus Farming In India: देश में एग्रीकल्चर ग्रोथ की दिशा में केंद्र सरकार काम कर रही है. केंद्र सरकार की कोशिश है कि किसानों की इनकम डबल हो जाए. अब केंद्र सरकार कैक्टस के जरिए किसानों की आमदनी डबल करने के लिए केंद्र सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं. केंद्र सरकार के कदम से किसानों को भी राहत मिली है. कैक्टस की पैदावार किसानों की स्थिति में सुधार ला सकती है.


भूमि की उर्वरकता में होगा सुधार
केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार, भारत के अलग अलग हिस्सों में कैक्टस की पैदावार हो रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार का मानना है कि कैक्टस एक जेरोफाइटिक पौधा है. एक्सपर्ट का कहना है कि इसकी बढ़ने की स्पीड बेशक कम है, लेकिन यह नेशनल लेवल पर निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने और विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा. यह पौधा कम उर्वरक क्षमता वाली भूमि की सुधार करने में मदद करेगा. एक आंकड़े के अनुसार, भारत के ज्योग्रोफिकल एरिया की 30 प्रतिशत हिस्सा निम्न स्तर की भूमि का है. डीओएलआर प्रधानमंत्री एग्रीकल्चर इरीगेशन स्कीम के माध्यम से कम उर्वरक वाली भूमि के सुधार की दिशा में कदम उठा रहा है. 


विदेशों से तेल खरीद कम होगी
केंद्र सरकार की कोशिश कैक्टस की उपज को बढ़ावा देना है. इससे बायो तेल का देश में उत्पादन बढ़ेगा. अधिक उत्पादन से विदेशों पर तेल इंपोर्ट करने की निर्भरता कम होगी. इससे किसानों की आय भी बढ़ सकेगी. इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च काउंसिल और इंटरनेशानल एग्रीकल्चर रिसर्च सेंटर की मदद से मध्यप्रदेश में शुष्क भूमि के लिए एक परियोजना भी स्थापित की जा रही है. कैक्टस के पौधे को देश में परती वाली भूमि में बोया जा रहा है. यहां इसकी उत्पादकता भी देखी जा रही है. 


अन्य देशों का किया जा रहा अध्ययन
केंद्र सरकार के अधिकारी देख रहे हैं कि कैक्टस का प्रयोग विदेशों की धरती पर किस तरह से किया जा रहा है. इसके लिए चिली, मैक्सिको, ब्राजील, मोरक्को और कई अन्य देशों की स्थिति देखी जा रही है. इन देशों में कैक्टस उत्पादन और मुनाफा प्राप्त करने में जो खामियां हैं. उनमें सुधार किसानों की आय बढ़ाई जाएगी. 



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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