Precaution before drink Lumpy Infected Milk: दुधारु पशुओं के बीच लंपी त्वचा रोग (Lumpy Disease in dairy Aniamls ) का कहर तेजी से बढ़ रहा है, जिसकी वजह से अभी तक हजारों पर पशु अपनी जान खो चुके हैं. इस बीमारी का सीधा असर मवेशियों के साथ-साथ पशुपालकों पर हो रहा है. वैसे तो भारतीय वैज्ञानिकों ने लंपी प्रो-वैक-इंड नामक स्वदेशी वैक्सीन (Lumpy Pro-vac-Ind Vaccine) का आविष्कार कर लिया है.
इसके बावजूद पशुपालक और आम लोगों के मन में लंपी संक्रमण (Lumpy Skin Disease) से जुड़े कई भ्रम पल रहे हैं, जिसमें सबसे बड़ा सवाल है कि क्या लंपी संक्रमण से ग्रस्त गाय-भैंसों (Lumpy Infected Animals) का दूध पीना सेहत के लिये ठीक है. क्या ये बीमारी पशुओं से इंसानों में फैल सकती है. अगर नहीं तो किस प्रकार सावधानियां बरतकर लंपी संक्रमण (Precautions for Lumpy Infected Milk) को फैलने से रोक सकते हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
जाहिर है कि किसी भी दूध का सेवन करने से पहले उसे 15 मिनट तक उबाला किया जाता है. आम दिनों में भी कई लोग दिन में 4 से 5 बार दूध को गर्म करते हैं, ताकि दूध में मौजूद वायरस नष्ट हो जायें.
- वैसे तो अभी तक लंपी संक्रमण से ग्रस्त पशुओं से इंसानों में बीमारी फैलने का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन फिर भी पशु चिकित्सक भी सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं.
- विशेषज्ञों की मानें तो बाजार से दूध खरीकर कम से कम 100 डिग्री सेंटीग्रेड तक गरम करना या उबालना चाहिये. दूध में मौजूद घातक बैक्टीरिया और वायरस को खत्म करने के लिये सिर्फ यही नुस्खा काफी है.
- इसके अलावा हर इंसान के शरीर में कुछ एसिड और गुड़ बैक्टीरिया भी होते हैं, जो खतरनाक बैक्टीरिया और वायरस को शरीर में पनपने से रोकते हैं.
- इसलिये लंपी संक्रमित गाय-भैंसों का दूध पीने से पहले सावधानियों पर अमल करना फायदेमंद रहता है.
- कई मामलों में संक्रमित पशु का दूध पीने से बछड़ों की सेहत पर बुरा असर देखा गया है, जिसके समाधान के लिये बछड़ों को भी दूध उबालकर ही पिलायें.
क्या है लंपी त्वचा रोग
पिछले दिनों भारत के 6 से ज्यादा राज्यों के पशुओं में विषाणुजनित संक्रमण 'लंपी' (Lumpu Skin Disease in India) देखा जा रहा है, जिसके कारण पशुओं की त्वचा पर मोटी-मोटी गाठें पड़ जाती है और लक्षणों के बढ़ने पर पशु की जान चली जाती है.
- लंपी त्वचा रोग के कारण पशुओं में तेज बुखार, लंगड़ापन, थकान, सांस की समस्या के साथ-साथ दूध का उत्पादन कम हो रहा है. यह बीमारी इंसानों के चिकनपॉक्स (Chicken Pox) की तरह ही होती है.
- फिलहाल लंपी त्वचा रोग के कारण पशुओं के थ-साथ पशुपालकों को भी आर्थिक और मानसिक संकट का सामना करना पड़ रहा है
- लंपी त्वचा रोग के घातक प्रभावों को देखते हुये विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (World Organisation for Animal Health) द्वारा इस जानलेवा ट्रांसबाउंड्री बीमारी को नोटिफाइ डिजीज (Notify Disease Lumpy) की श्रेणी में शामिल किया है.
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