एक्सप्लोरर

Organic Farming: ड्रीम जॉब छोड़कर CAPF अफसर बना किसान, अब काली हल्दी और चंदन से ऐसे मोटी कमाई का है प्लान!

Herbal Farming: CAPF में अफसर बनना यूपी के उत्कृष्ट पांडे का सपना था. फिर खेती में रुझान बढ़ा तो सफेद चंदन और काली हल्दी की खेती चालू कर दी, ताकि इनके प्रमोशन के साथ युवाओं को रोजगार दिया जा सके.

Sandalwood Farming: कृषि क्षेत्र अब किसानों तक ही सीमित नहीं है. नौकरी-पेशेवर युवाओं को रुझान भी खेती-किसानी में बढ़ रहा है. सीएपीएफ की ड्रीम जॉब छोड़कर हल्दी-चंदन उगाने वाले उत्कृष्ट पांडे भी युवा और किसानों के लिए इंसपिरेशन बनकर सामने आए हैं. सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स में अफसर बनना उत्कृष्ट पांडे का सपना था. अपना सपना पूरा किया और साल 2016 में सशस्त्र सीमा बल में असिसंटेंट कमांडेंट भी बने. काफी समय देश की सेवा करने के बाद उत्कृष्ट पांडे ने कृषि में कदम रखने का सोचा और अपनी ड्रीम डॉब छोड़कर आज सफेद चंदन और काली हल्दी की खेती कर रहे हैं. अपने इस काम से उत्कृष्ट पांडे ग्रामीण युवाओं को रोजगार देना चाहते हैं और सफेद चंदन के साथ काली हल्दी को भी प्रमोट करने का प्लान है, हालांकि अचानक सरकारी नौकरी छोड़कर खेती में कदम रखान आसान नहीं था. इसके बावजूद उत्कृष्ट पांडे ने आज लखनऊ से 200 किलोमीटर दूर प्रतापगढ़ के भदौना गांव में अपनी एक एग्रो स्टार्ट अप कंपनी मर्सिलोना एग्रोफार्म बना ली है.

देश की सेवा करते-करते गांव की सेवा का आया विचार
इकोनॉमिक टाइम्स की एक ताजा रिपोर्ट में उत्कृष्ट पांडे कहते हैं कि सीएपीएफ की नौकरी करना हमेशा से ही मेरा सपना था. इस बीच मैंने कई राज्यों में काम भी किया. बिहार, झारखंड और असम में रहकर साढ़े 5 साल तक देश सेवा की, लेकिन नौकरी के दौरान हमेशा दिमाग में गांव के लिए कुछ करने का भी सपना पलता रहा कि गांव में लोगों की मदद करके उनकी जीवनशैली सुधारनी है.

फिर ध्यान में आया कि खेती करने से ये सभी काम आसान हो सकते हैं. उत्कृष्ट बताते  हैं कि मैं चाहता हूं कि हमारे युवा भी देश को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करें. इसी सपने के साथ साल 2016 में सीएपीएफ की नौकरी छोड़ दी और कई सेक्टर्स को एक्सप्लोर करने लगे. इस बीच काली हल्दी और सफेद चंदन की खेती का विचार आया है.

उत्कृष्ट पांडे ने बताया कि हर कोई समझता है कि चंदन को सिर्फ दक्षिण भारत में ही उगाया जा सकता है, लेकिन जब इससे जुड़ी जानकारियां इकट्ठी कीं तो पता चला कि उत्तर भारत भी सफेद चंदन की खेती के लिए अनुकूल है. इसके लिए बैंगलुरु स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ वुड साइंस एवं टेक्नोलॉजी से कोर्स भी किया, जो आज चंदन पर रिसर्च करने वाला सबसे बड़ा इंस्टीट्यूट है.इस सफर को लेकर घर वालों के मन में कुछ आशंकाएं तो थीं, फिर आखिरकार उन्हें भी अपने काम को लेकर आश्वस्त किया.

पैतृक जमीन पर की जैविक खेती
रिपोर्ट्स के अनुसार, आज उत्कृष्ठ पांडे अपने पुरखों की 4 एकड़ जमीन से अपने सफर की शुरुआत कर चुके हैं. इस काम को बेहतर ढंग से करने के लिए उन्होंने कई कृषि विश्वविद्यालयों और किसानों के पास जाकर जैविक खेती और प्राकृतिक खेती के गुर भी सीखे हैं. उत्कृष्ण बताते हैं कि दुनिया में चंदन की काफी ज्यादा डिमांड है. इसका इस्तेमाल परफ्यूम बनाने में किया जाता है, लेकिन इसके कुछ औषधीय गुण भी हैं.

इसके पौधों की रोपाई के 14 से 15 साल में कटाई की जा सकती है, इसलिए सफेद चंदन की खेती करने का मन बनाया है.बता दें कि चंदन की भी कई किस्में होती है, लेकिन भारत में प्रमुखतौर पर सफेद और लाल चंदन उगाया जाता है. अपने चिकित्सीय और कॉस्मेटिक गुणों की वजह से ही सफेद चंदन काफी महंगा है.तमिलनाडु और कर्नाटक सफेद चंदन के प्रमुख उत्पादन राज्य हैं. 

गांव के बाकी लोगों को भी साथ में जोड़ा
अपने इस नए सफर में उत्कृष्ट पांडे अपने गांव वालों को भी जोड़ चुके हैं. उत्कृष्ट पांडे बताते हैं कि जब गांव के दूसरे  लोगों को चंदन की खेती के बारे में जानकारी मिली तो कोरोना महामारी के समय उन्होंने साथ में जु़ड़ने की उत्सुकता दिखाई. आज उनकी इसी पहल से वो मेरी कंपनी में शामिल भी हो गए हैं.यह काम अब ग्रामीणों को पलायन रोकने में भी मदद कर रहा है.

उत्कृष्ट पांडे ने बताया कि एक किसान करीब 250 पेड़ लगाकर 14 से 15 साल बाद 2 करोड़ से ज्यादा पैसा कमा सकता है. ठीक इसी तरह क्वालिटी के आधार पर काली हल्दी की भी 1,000 रुपये प्रति किलोग्राम बिकती हैं. बाजार में इन दोनों की ही भारी डिमांड रहती है. अच्छी बात यह भी है कि ये काम किसानों की आमदनी बढ़ाने के साथ-साथ उनके भविष्य को सुरक्षित करने में भी मदद करता है.

इन दिनों उत्कृष्ट पांडे अपने खेतों में ही मेहनत करते हैं और खेती के लिए गोबर की खाद और वर्मी कंपोस्ट को बढ़ावा दे रहे हैं, हालांकि इन उत्पादों के निर्यात के लिए रकबा बढ़ाने का भी प्लान है, इसलिए  अपनी कंपनी के लिए फंड इकट्ठा करने पर विचार कर रहे हैं. जितना जल्दी मदद मिलेगा, निर्यात भी उतना ही जल्दी शुरू हो जाएगा. 

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

यह भी पढ़ें: बच्चों को ​केमिकल फ्री खाना खिलाने के लिए मां बन गई किसान....बहुत इंसपाइरिंग है ये स्टोरी

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

315 दिन, दर्जनों हमले, 18 जवान शहीद… आतंकियों के टारगेट पर कैसे आया जम्मू?
315 दिन, दर्जनों हमले, 18 जवान शहीद… आतंकियों के टारगेट पर कैसे आया जम्मू?
Pashupati Kumar Paras: क्या NDA से अलग होंगे पशुपति कुमार पारस? एक ऐलान से बिहार में सियासी भूचाल
क्या NDA से अलग होंगे पशुपति कुमार पारस? एक ऐलान से बिहार में सियासी भूचाल
Hera Pheri 3: एयरपोर्ट पर ‘बाबू भैया’ संग स्पॉट हुए ‘राजू’ और ‘श्याम’,  तिगड़ी ने एकसाथ यूं दिए पोज
एयरपोर्ट पर ‘बाबू भैया’ संग स्पॉट हुए ‘राजू’ और ‘श्याम’, तिगड़ी ने एकसाथ दिए पोज
पिछले सीजन मिले करोड़ों, इस बार की नीलामी में रह सकते हैं अनसोल्ड; मेगा ऑक्शन में इन खिलाड़ियों को लगेगा झटका
पिछले सीजन मिले करोड़ों, इस बार की नीलामी में रह सकते हैं अनसोल्ड
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Kajal Raghwani के इल्जामों का दिया Khesari Lal Yadav ने जवाब ? क्यों नहीं हैं घरवालों को Khesari पर भरोसा?Top News: 3 बजे की बड़ी खबरें फटाफट अंदाज में | Jharkhand | Maharashtra Election | UPPSC | PrayagrajAaditya Thackeray EXCLUSIVE: मुस्लिम आरक्षण...महाराष्ट्र चुनाव पर सबसे विस्फोटक इंटरव्यू | abp newsBhopal News:'हॉस्टल वार्डन ने हमें मंदिर जाने से रोका, बरकतुल्लाह यूनिवर्सिटी की छात्राओं के आरोप से मचा हंगामा

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
315 दिन, दर्जनों हमले, 18 जवान शहीद… आतंकियों के टारगेट पर कैसे आया जम्मू?
315 दिन, दर्जनों हमले, 18 जवान शहीद… आतंकियों के टारगेट पर कैसे आया जम्मू?
Pashupati Kumar Paras: क्या NDA से अलग होंगे पशुपति कुमार पारस? एक ऐलान से बिहार में सियासी भूचाल
क्या NDA से अलग होंगे पशुपति कुमार पारस? एक ऐलान से बिहार में सियासी भूचाल
Hera Pheri 3: एयरपोर्ट पर ‘बाबू भैया’ संग स्पॉट हुए ‘राजू’ और ‘श्याम’,  तिगड़ी ने एकसाथ यूं दिए पोज
एयरपोर्ट पर ‘बाबू भैया’ संग स्पॉट हुए ‘राजू’ और ‘श्याम’, तिगड़ी ने एकसाथ दिए पोज
पिछले सीजन मिले करोड़ों, इस बार की नीलामी में रह सकते हैं अनसोल्ड; मेगा ऑक्शन में इन खिलाड़ियों को लगेगा झटका
पिछले सीजन मिले करोड़ों, इस बार की नीलामी में रह सकते हैं अनसोल्ड
IQ हद से ज्यादा होना भी खतरनाक? ऐसे बच्चों को जल्दी होता है ADHD
IQ हद से ज्यादा होना भी खतरनाक? ऐसे बच्चों को जल्दी होता है ADHD
यूक्रेन युद्ध खत्म कराने के लिए ट्रंप ने मिलाया पुतिन को फोन! रूस ने बता दिया क्या है दावे की सच्चाई
यूक्रेन युद्ध खत्म कराने के लिए ट्रंप ने मिलाया पुतिन को फोन! रूस ने बता दिया क्या है दावे की सच्चाई
Dev Uthani Ekadashi 2024: देव उठानी एकादशी का व्रत कैसे तोड़ा जाता है?
देव उठानी एकादशी का व्रत कैसे तोड़ा जाता है?
किस देश के टीचर्स माने जाते हैं सबसे अच्छे, इस लिस्ट में कहां आता है भारत?
किस देश के टीचर्स माने जाते हैं सबसे अच्छे, इस लिस्ट में कहां आता है भारत?
Embed widget