Capsicum Cultivation: किसानों को 5 लाख तक का मुनाफा देगी शिमला मिर्च, पेड़ों के बीच इस खास विधि से करें खेती
Co-cropping of Capsicum: पोपलर के पेड़ 8 साल में कटाई के लिये तैयार होते हैं. ऐसे में बीच-बीच में शिमला मिर्च जैसी बागवानी फसल लगाकर संसाधनों का सही इस्तेमाल करके अच्छी आमदनी ले सकते हैं.
Capsicum Cultivation with Poplar Tree: भारत में बागवानी फसलों का चलन बढ़ता जा रहा है. किसान अब खाली में खेतों में पारंपरिक फसलों के साथ-साथ फल और सब्जियों की सह-फसल खेती (Co-cropping of Vegetables) भी कर रहे हैं. इससे किसानों को सीमित संसाधनों में ही दोगुना आमदनी लेने का मौका मिल जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि लकड़ी के उद्देश्य लगाये गये पेड़ों के साथ सब्जियों की खेती करके और भी ज्यादा उत्पादन हासिल कर सकते हैं. हम बात कर रहे है पोपलर के पेड़ों (Poplar Trees)के साथ शिमला मिर्च की खेती (Capsicums Cultivation)के बारे में.
पोपलर के पेड़ के साथ शिमला मिर्च की खेती (Capsicum Farming Along with Poplar Trees)
भारत के कई इलाकों में पोपलर की बागवानी बड़े पैमाने पर होती है. एक हेक्टेयर जमीन पर पोपलर के 425 पौधे लगाये जाते हैं, जो 5 से 8 साल में कटाई के लिये तैयार हो जाते हैं. इस बीच पेड़ों से जमीन घिरी रहती है और पेड़ों के बीच खाली स्थान पर सिर्फ घास की उगती रहती है.
ऐसे में सह-फसल तकनीक (Co-cropping Farming) का प्रयोग करके किसान खाली जमीन और खाली समय का सदुपयोग भी कर सकते हैं. इससे 8 सालों तक किसानों को सब्जियों का उत्पादन भी मिलता रहेगा, खाली जमीन का प्रयोग होता रहेगा और पोपलर के पेड़ों में भी पोषण की आपूर्ति होती रहेगी.
- पोपलर के पेड़ों के बीच खाली पड़ी जमीन पर शिमला मिर्च उगाने के लिये सबसे पहले नर्सरी तैयार की जाती है.
- इसके लिये शिमला मिर्च के उन्नत और रोगरोधी बीजों को चुनना होगा, ताकि फसल में कीट-रोगों की संभावना न रहे.
- पौधशाला में बीजों को लगाने से पहले बीज उपचार भी करना सही रहता है.
- नर्सरी में बुवाई के बाद जब पौधे 8 से 10 सेमी. बड़े हो जाते हैं तो इनकी रोपाई पोपलर के पेड़ों के बीच कर दी जाती है.
- इससे पहले जमीन में हल्की जुताई और कार्बनिक गुणों वाली कंपोस्ट और जैविक खाद भी डाली जाती है.
- इस तरह संसाधनों को सही इस्तेमाल करके शिमला मिर्च की फसल बाजार में अच्छे दामों पर बिकती है और किसानों को भी अतिरिक्त आमदनी मिल जाती है.
पोपलर के पेड़ भी देंगे लाखों का मुनाफा (Beneficial Income From Poplar Trees)
ज्यादातर किसान पोपलर की व्यावसायिक खेती (Commercial Farming of Poplar) करते हैं, जिसे हल्की प्लाईवुड, माचिस, चॉप स्टिक और फलों के बॉक्स बनाने में प्रयोग किया जाता है. एक हेक्टेयर जमीन पर इसके पौधों की रोपाई करने पर करीब 7 से 8 साल के दौरान पोपलर की कीमत हजारों के भाव बढ़ जाती है.
इतना ही नहीं, फर्नीचर के तौर पर इस्तेमाल होने वाली इसकी लकड़ी 700 से 800 रुपये क्विटल के हिसाब से बिकती है. इसकी पत्तियों को भी पशु चारे (Animal Fodder) के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. प्रति हेक्टेयर जमीन पर इसकी खेती करके 8 साल बाद आराम से 40 लाख तक कमा सकते हैं. इस बीच शिमला मिर्च (Capsicum Cultivation) जैसी फसलों को लगाकर अतिरिक्त आमदनी होती रहती है.
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