दवाई और कीटनाशक ने नहीं... इस कीडे़ ने सुधार दी थी पूरे देश के किसानों की अर्थव्यवस्था
कीड़ों से अपनी फसल बचाने के लिए यहां के किसानों और वैज्ञानिकों ने मिलकर दक्षिण अमेरिका में पाए जाने वाले एक परजीवी ततैया यानी यानागायरस लोपेज़ी को थाईलैंड लाने की मुहिम शुरू की.
आपने हमेशा सुना होगा कि कीड़े फसल को बर्बाद करते हैं. लेकिन अगर हम कहें कि कभी ऐसा भी हुआ था जब कीड़ों से फसल को बचाने के लिए किसानों और वैज्ञानिकों ने मिलकर एक ऐसे कीड़े की खोज की जिसने उनकी मदद की तब आप क्या कहेंगे. जी हां! यह कारनामा हुआ था दक्षिण पूर्व एशिया के देश थाईलैंड में. एक वक्त था जब यहां के किसान कसावा की खेती पर निर्भर थे. आज भी कसावा की खेती यहां खूब होती है.
दरअसल, कसावा की स्टार के इस्तेमाल से यह लोग प्लास्टिक और गोंद बनाते हैं जो पूरी दुनिया में बेची जाती है. लेकिन साल 2008 में इस फसल में कीड़े लगने लगे और पूरे देश की फसल लगभग लगभग बर्बाद होने लगी. स्थिति ऐसी हो गई कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई. कसावा की फसल पर लगे कीड़ों ने देश में 60 से 80 फ़ीसदी पैदावार को नुकसान पहुंचाया. जिसके बाद इस से छुटकारा पाने के लिए यहां के किसानों और वैज्ञानिकों ने अजीबोगरीब तरकीब अपनाई.
दक्षिण अमेरिका से ले आए एक अलग कीड़ा
कीड़ों से अपनी फसल बचाने के लिए यहां के किसानों और वैज्ञानिकों ने मिलकर दक्षिण अमेरिका में पाए जाने वाले एक परजीवी ततैया यानी यानागायरस लोपेज़ी को थाईलैंड लाने की मुहिम शुरू की. साल 2009 के आखिर में दक्षिण अमेरिका से यह ततैया थाईलैंड लाया गया और इसे कसावा के खेतों में छोड़ दिया गया. देखते ही देखते इस ततैया ने अपना काम शुरू किया और थाईलैंड के कसावा किसानों को इस मिलीबग यानी कीड़ों से छुटकारा मिल गया.
कैसे काम करता था यह ततैया
बीबीसी में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह छोटा सा ततैया कसावा की फसल पर लगने वाले मिलीबग पर ही अपने अंडे देता था. जैसे ही इन अंडों से बच्चे निकलते थे और वह थोड़े से बड़े होते थे, मिली बग को चट कर जाते थे. साल 2010 में पूरे थाईलैंड में हवाई जहाज से लाखों ततैये छोड़े गए. इनकी वजह से थाईलैंड के किसानों को काफी फायदा हुआ और उन्हें एक ऐसे कीड़े से छुटकारा मिला, जिसने उनके अर्थ व्यवस्था खराब कर दी थी.
ये भी पढ़ें: पीली नहीं 'काली हल्दी' की करें खेती, कम निवेश में हो सकता है मोटा मुनाफा