Animal Fodder: दूध के दाम क्यों बढ़ गए? पशु चारे की महंगाई में छिपा है इस सवाल का जवाब, कीमतों में 27% तक उछाल
Cattle Feed Price: इस साल की थोक महंगाई 21 महीने के सबसे निचले स्तर पर है, लेकिन पिछले कुछ महीनों में पशु आहार, पॉल्ट्री दाना और चारे की बढ़ती महंगाई ने पशुपालकों की चिंता भी बढ़ा दी है.
Animal Fodder Price: लगातार बढ़ते दूध के दामों को लेकर शहर के लोग चिंता में आ गए, लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि इस साल जो दुधारु पशु चारे की कीमतें हैं, वो पिछले 9 साल के उच्चतम स्तर पर है. दूध की बढ़ती मंहगाई के पीछे भी यही वजह है. दरअसल, लगातार पशु आहार और पशु चारे के दाम में इजाफा देखने को मिला है, जिससे डेयरी किसानों और पशुपालकों की लागत बढ़ गई है. इस मामले में द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में भी बताया गया है कि इस साल अगस्त में ही पशु चारे की महंगाई ने 9 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया, अगस्त में कीमतें 25.54 फीसदी तक ग्रोथ पर थी, लेकिन नवंबर तक कीमतों में बढ़त का ये आंकड़ा और बढ़कर 27.66 प्रतिशत तक पहुंच गया है. इससे पशु पालने वाले ग्रामीण परिवारों का खर्च और चिंताएं दोनों बढ़ रही है, क्योंकि पशु चारा सिर्फ अच्छे दूध उत्पादन के लिए नहीं खिलाया जाता. ये पशु की सेहत के लिए भी अनिवार्य है, लेकिन पिछले कुछ महीने में बढ़ती महंगाई ने अब पशुओं की देखभाल की चिंता भी बढ़ा दी है.
वणिज्य मंत्रालय ने भी जारी किया आंकड़ा
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को ही वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने होलसेल प्राइज इंडेक्स (WPI) यानी थोक कीमतों का आंकड़ा जारी किया है, जिसमें नवंबर में पशु चारे की इंडेक्स वैल्यू 225.7 रिकॉर्ड की गई है, जबकि पिछले साल ये इंडेक्स वैल्यू 176.8 दर्ज की गई थी.
इस तरह आंकड़ों से साफ होता है कि सालभर के अंदर ही चारे की महंगाई में 28 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी हुई है. यहां सिर्फ पशु चारा ही महंगा नहीं हुआ है, बल्कि पशु आहार और पोल्ट्री दाना की कीमतों में भी उछाल देखा गया है.
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला है कि पशुओं के लिए तैयार आहार या दाने की कीमतों में भी इजाफा हुआ है. पिछले साल पशु आहार की महंगाई दर 14.86% रिकॉर्ड की गई था, जबकि इस साल यह महंगाई का आंकड़ा अक्टूबर में 3.38% और नवंबर में 7.76% तक बढ़ा है.
कितना महंगा हुआ पशु आहार
होलसेल प्राइज इंडेक्स (WPI) की रिपोर्ट में पशु आहार या दाने की 5 कैटेगरी बताई है, जिसमें गोला और इसी तरह के पशु चारा, चावल की भूसी, सोयाबीन की खली, कपास की खली और सरसों के तेल की खली भी शामिल है. इसमें सबसे ज्यादा महंगाई चावल की भूसी में दर्ज की गई है, जिसके दाम 36.28% तक बढ़ गए हैं.
इसके बाद गोला और कपास की खली के भाव में उछाल देखा गया है. रिपोर्ट्स में बताया गया है कि पशु आहार और दाने की इस महंगाई ने साल 2013 का भी रिकॉर्ड, जब महंगाई 29.70 रिकॉर्ड की गई थी, को भी पीछे छोड़ दिया है. ओवरऑल देखा जाए तो बाकी खाद्य पदार्थों के दाम में तो गिरावट आई है, लेकिन पशु चारे और दाने के भाव आसमान छूते जा रहे हैं.
बताया जा रहा है कि इस साल की थोक महंगाई 21 महीने के सबसे निचले स्तर पर है, लेकिन पशु चारे और दाने के केस में बिल्कुल ही उल्टा हिसाब-किताब चल रहा है. यहां दिसबंर 2021 के बाद से ही पशु आहार और दाने के दाम बढ़ते जा रहे हैं और बीते 10 महीने से तो कीमतों में 20% के आस-पास की ही ग्रोथ चल रही है.
क्यो महंगा हुआ पशु चारा
जानकारी के लिए बता दें कि 13 दिसंबर को लोक सभा में पशुओं के चारे की महंगाई का मुद्दा भी सिरे से उठाया गया था, जिस पर केंद्रीय पशुपालन मंत्री परशोत्तम रुपाला ने बताया था कि देश में अभी पशु चारे की कमी है, जिसकी वजह से दाम बढ़ रहे हैं.
केंद्रीय पशुपालन मंत्री ने बताया कि आईसीएआर-इंडियन ग्रासलैंड एंड फोडर रिसर्च इंस्टीट्यूट (आईजीएफआरआई), झांसी ने यह अनुमान लगाया है कि देश में हरे चारे की 11.24%, सूखे चारे की 23.4% और कंसन्ट्रेट में 28.9% की कमी है. प
शुपालन मंत्री ने बताया कि देश में चारा संकट नहीं है, बल्कि चारे की कमी की वजह से कीमतें कुछ ज्यादा है. इसके समाधान के लिए कृषि एंव किसान कल्याण मंत्रालय ने राष्ट्रीय डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड को चारा प्लस मॉडल के तहत चारा केंद्रित 100 एफपीओ बनाने की भी मंजूरी दे दी है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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