Animal Fodder Scheme: महंगाई की मार का असर अब पशुपालन क्षेत्र में भी नजर आ रहा है. देश में पराली के दाम बढ़ने से भूसा, खल, चोकर के भाव आसमना छू रहे हैं. पशु चारे पर बढ़ती मंहगाई ने अब पशुपालकों को चिंता में डाल दिया है. इस समस्या के बीच किसानों की मदद के लिए उत्तराखंड सरकार आगे आई है. रिपोर्ट्स की मानें तो प्रदेश सरकार ने पशुपालकों को राहत प्रदान करते हुए साइलेज और पशुओं के भूसे पर अनुदान देने का फैसला किया है. कुछ दिनों पहले कैबिनेट की मीटिंग में यह फैसला किया गया, जिसके तहत पर्वतीय और मैदानी इलाकों में साइलेज पशु आहार पर मिलने वाले अनुमान में एक बार फिर 2 रुपये बढ़ाए गए हैं. आइए जानते हैं विस्तार से.


पशु चारे पर सब्सिडी
उत्तराखंड सरकार ने राज्य के पशुपालकों को पशु चारे और साइलेज (पशु आहार) पर सब्सिडी देने का फैसला किया है. अब पहाड़ी इलाकों में 6 रुपये और मैदानी इलाकों में साइलेज की खरीद पर 4 रुपये अधिक अनुदान दिया जाएगा. इस बीच सहकारिया विभाग ने भी दुग्ध विभाग विभाग के माध्यम से दिए जाने वाले साइलेज पर 75% की छूट देने का फैसला किया है. रिपोर्ट्स की मानें तो राज्य में पशुपालकों को पहली बार भूसे पर 50% तक सब्सिडी दी जाएगी.


क्या हैं नए दाम
जनाकारी के लिए बता दें कि उत्तराखंड में करीब 8 लाख से ज्यादा पशुपालक हैं, जिनमें से करीब 52,000 सीधा दूध के बिजनेस से जुड़े हैं. अधिक दामों पर साइलेज और पशु आहार की खरीद से ना सिर्फ पशुपालकों की चिंताएं, बल्कि पशुपालन की लागत भी बढ़ रही थी, लेकिन अब सब्सिडी मिलने के बाद राज्य में भूसा के दाम 1600 रुपये प्रति क्विंटल से 800 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं. वहीं साइलेज के दाम कम होने से पशुओं को कम खर्च में तंदुरुस्त बनाने और दूध के बेहतर उत्पादन में भी मदद मिलेगी.


कई राज्यों में मंहगा बिक रहा पशु चारा
राज्य सरकारों ने ऊंचे दामों पर पराली खरीदकर प्रदूषण की समस्या का समाधान तो निकाल लिया, लेकिन इससे पशुपालकों की चिंताएं बढ़ गईं. अब उत्तर प्रदेशश, हरियाणा और पंजाब में पराली तो अच्छे दामों पर बिक रही है. इससे किसानों को भी मुनाफा हो रहा है, लेकिन पशुपालकों को पशुओं को भूसा ऊंचे दामों पर खरीदना पड़ रहा है. इससे पशुपालन की लागत तो बढ़ रही है, लेकिन लोकल मार्केट में खुले दूध के दाम जस के तस हैं.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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