Stubble Burning: पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व दिल्ली में पॉल्यूशन की समस्या गंभीर है. सेंट्रल गवर्नमेंट राज्यों की मदद के लिए लगातार धनराशि दे रही है. पराली मैनेजमेंट पर केंद्रीय योजना के तहत सरकार पहले से ही पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व दिल्ली को वित्तीय सहायता दी है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चालू वर्ष के दौरान केंद्र ने चारों राज्यों को 601.53 करोड़ रुपये जारी किए हैं. पिछले चार साल के लगभग 900 करोड़ रुपये राज्यों के पास उपलब्ध हैं. राज्य सरकारें केंद्र सरकार का दिया हुआ पैसा तक खर्च नहीं कर पा रही हैं. चारों राज्यों को पराली से निपटने के लिए मशीन भी दी हैं इस पर केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि पिछले 4 वर्षों के दौरान पहले से  2.07 लाख मशीनों व चालू वर्ष के दौरान आपूर्ति की जाने वाली 47 हजार मशीनों का उपयोग हो रहा है या नहीं, यह भी देख लिया जाए.


पूसा डी कंपोजर बढ़ाने पर जोर
केंद्र ने राज्यों को दो लाख से ज्यादा मशीनें दे दी हैं. इनका इस्तेमाल किया जाए. केंद्र सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए अन्य उपायों पर भी विचार कर रही है. केंद्र सरकार का जोर है कि पराली को गलाने के लिए पूसा डी कम्पोजर का प्रयोग बढ़ाया जाए. सभी राज्यों में इसके इस्तेमाल को तरजीह देने को कहा गया है.


खेतों में हो प्रयोग


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों के लिए उचित आईईसी गतिविधियां लागू करने की जरूरत है. राज्य सभी आवश्यक संसाधनों का यूज कर रणनीति बनाएं. बायो डी-कंपोजर के लाभ देखते हुए राज्यों को किसानों के खेतों पर इस तकनीक का बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करने की सलाह दी गई है। वर्तमान वर्ष के दौरान राज्यों में 8.15 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र को इस प्रौद्योगिकी के तहत लाने का टारगेट तय किया है. कहा कि बायोमास आधारित बिजली संयंत्रों, बायोएथेनॉल संयंत्रों तथा आसपास के उद्योगों से पराली की मांग पूरी की जाए.


4 नवंबर को पूसा में जमा होंगे विशेषज्ञ


केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्लानिंग से काम करने पर पशुओं के लिए चारे की उपलब्धता में आसानी होगी. 4 नवंबर को पूसा, दिल्ली में कार्यशाला की जा रही है. इसमें पंजाब व आसपास के किसानों को इसी संदर्भ में बुलाया गया है. पंजाब के वरिष्ठ अधिकारी भी इसमें शामिल होंगे ताकि पूसा डी-कंपोजर को लेकर उनका संदेह दूर हो सके. फसल अवशेष प्रबंधन के लिए पूसा डी-कंपोजर सबसे सस्ता और प्रभावी उपाय है, जिसे बढ़ाना होगा.


 



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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.