Profitable Farming: गेहूं-सरसों की कटाई के बाद बोएं लाखों का मुनाफा देने वाली ये फसल, सरकार ने बढ़ा दी कीमतें
Jute MSP:पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा ,उड़ीसा, बिहार, असम, उत्तर प्रदेश और मेघालय जूट के बड़े उत्पादक राज्यों की लिस्ट में शुमार हैं, जहां के 83 से अधिक जिलों में जूट मुख्य फसल के तौर पर उगाया जा रहा है.
![Profitable Farming: गेहूं-सरसों की कटाई के बाद बोएं लाखों का मुनाफा देने वाली ये फसल, सरकार ने बढ़ा दी कीमतें Central Cabinet Increased Jute MSP by 300 to 5050 rupees Per Quintal will be beneficial to farmers Profitable Farming: गेहूं-सरसों की कटाई के बाद बोएं लाखों का मुनाफा देने वाली ये फसल, सरकार ने बढ़ा दी कीमतें](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/03/28/483c75c2199efac135c4c293f18441ef1679997341114455_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Jute Cultivation: किसान सिर्फ धान-गेहूं जैसी पारंपरिक फसलों की खेती तक ही सीमित ना रहें. इसी उद्देश्य के साथ केंद्र सरकार अलग-अलग तरीके से बाकी नकदी फसलों को भी बढ़ावा दे रही है. कई राज्यों में विशेषतौर पर बागवानी फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. लेकिन एक फसल ऐसी भी है, जिसकी खेती पूर्वी भारत में बड़े पैमाने पर की जाती है. हम बात कर रहे हैं जूट की. पिछले कुछ सालों में जूस एक सबसे ज्यादा उपयोगी नेचुरल फाइबर बनकर उभरा है. प्राकृति अनुकूल प्रोडक्ट्स में जूट की उपयोगिता बढ़ रही है. अब जूट का रकबा बढ़ाने और किसानों को इसके बेहतर दाम दिलवाने के लिए सरकार ने जूट के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी कर दी है. बता दें कि गेहूं और सरसों की कटाई के बाद मार्च से अप्रैल के बीच ही जूट की बुवाई की जाती है. इसलिए किसान चाहें तो खरीफ सीजन से पहले मुनाफा कमाने के लिए जूट की फसल लगा सकते हैं.
सरकार ने बढ़ाई जूट की एमएसपी
पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) की बैठक में मार्केटिंग सीजन-2023-24 के लिए कच्चे जूट की एमएसपी में 6 प्रतिशत का इजाफा किया गया है. अभी तक कच्चे जूस को 4,750 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा था.
लेकिन मार्केटिंग सीजन 2023-24 के लिए कच्चे जूट (टीडी-3, पहले के टीडी-5 ग्रेड के बराबर) का न्यूनतम समर्थन मूल्य 300 रुपये बढ़ाकर 5050 रुपये प्रति क्विंटल तय कर दिया है. सरकार के इस फैसले का सीधा फायदा देश के 40 लाख से अधिक किसानों को होगा.
इन राज्यों में होती है जूट की खेती
देश में मिट्टी और जलवायु के हिसाब से कुछ विशेष फसलें उगाई जाती हैं. जूट भी इन्हीं फसलों में शामिल है. पूर्वी भारत में किसान बड़े पैमाने पर जूट की खेती करते आ रहे है. पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा ,उड़ीसा, बिहार, असम, उत्तर प्रदेश और मेघालय जूट के बड़े उत्पादक राज्यों की लिस्ट में शुमार हैं, जहां के 83 से अधिक जिलों में जूट मुख्य फसल के तौर पर उगाया जा रहा है.
भारत है सबसे बड़ा उत्पादक
आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन दुनिया में जूट का 50 फीसदी उत्पादन भारत देता है. इस 50 फीसदी उत्पादन का आधा हिस्सा पश्चिम बंगाल से आता है. इस लिस्ट में बांग्लादेश, चीन और थाईलैंड का नाम भी शामिल है. कृषि क्षेत्र को जूट की खेती से मजबूती मिल ही रही है, लेकिन जूट का सबसे ज्यादा इस्तेमाल भी एग्रीकल्चर सेक्टर में ही होता है.
इससे बैग, थैला, बोरी, टोकरी जैसी तमाम चीजें बनाई जाती हैं. अनाज की पैकिंग में इस्तेमाल होने वाली ज्यादा बोरियां जूट से ही बनी होती हैं. इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारें किसान से कुल उत्पादन का 70 फीसदी जूट खरीद लेती हैं.
क्या है जूट
जूट एक नकदी फसल है. जूट एक लंबा, कोमल और चमकदार पौधा है. इससे रेशा इकट्ठा करके मोटा सूत या धागा बनाया जाता है. इसी से पैकिंग के लिए बैग, बोरे, दरी, पर्दे, सजावटी सामान, टोकरियां बनाई जा रही हैं.
ये एक सिंचित इलाके की फसल है. खासतौर पर 150 सेंटीमीटर या उससे अधिक की बारिश वाले स्थानों पर जूट तेजी से पनपता है. जूट के प्लांट से लुगदी बनाई जाती है. इसे कागज और कुर्सियां बनाया जा सकता है.
यह भी पढ़ें:- 50% सब्सिडी...आधे दाम पर मिल रही है ट्रैक्टर के साथ चलने वाली ये शानदान मशीन, तुरंत कर दें आवदेन
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/e4a9eaf90f4980de05631c081223bb0f.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)