Stubble Burning: केंद्र सरकार ने 600 करोड़ दिए, फिर भी इन 4 राज्यों में पराली जलाते मिले किसान, जानिए क्यों इस साल दम घोट सकता है स्मॉग
पराली मैनेजमेंट के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब को करीब 600 करोड़ रुपये दिए. बावजूद इसके वर्ष 2022 में वर्ष 2021 के मुकाबले ज्यादा पराली जलाए जाने के मामले देखे गए हैं.
Stubble Management: खरीफ की फसल कट चुकी है. फसलों का अवशेष खेतों में खड़ा हुआ है. इसे ही पराली कहते हैं. इसे जलने के बाद निकलने वाले धुएं को स्मॉग कहा जाता है. पराली मैनेजमेंट के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब को करीब 600 करोड़ रुपये दिए. इन रुपयों को देने का मकसद यह था कि किसानों को अवेयर कर पराली के जलने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जाए. लेकिन आलम यह रहा सभी स्टेट ने पैसा खर्च कर लिया. किसानों की अवेयरनेस की स्थिति यह रही कि वर्ष 2022 में वर्ष 2021 के मुकाबले ज्यादा पराली जलाए जाने के मामले देखे गए हैं. खुद यह सच सेंट्रल गवर्नमेंट की ओर से कराए गए सेटेलाइट सर्वे में सामने आया है. कहां-कहां कितनी पराली जलती हुई मिली. जानते हैं इसी के बारे में
पंजाब में सबसे ज्यादा जलती मिली पराली
सेंट्रल गवर्नमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक 15 सितंबर से 5 अक्टूबर तक पंजाब में इस साल यानी 2022 में 545 मामले पराली जलाने के रिकॉर्ड किए गए हैं. अमृतसर में सबसे ज्यादा 390 और तरणतारण में 80 केस सामने आए हैं, जबकि वर्ष 2021 में में इसी दौरान 278 जगह पर पराली जलाने के केस देखने को मिले. पंजाब में इतनी बड़ी संख्या में पराली जलाने के मामले सामने आने के बाद खुद सेंट्रल गवर्नमेंट और स्टेट गवर्नमेंट चिंतित है. पराली जलाने वालों को स्टेट गवर्नमेंट की ओर से चिन्हित किया जा रहा है.
हरियाणा, उत्तरप्रदेश, दिल्ली का ये हाल
सेंट्रल गवर्नमेंट के लेवल से कराए गए सेटेलाइट सर्वे की रिपोर्ट में दिल्ली, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और राजस्थान में भी पराली जलाने के केस मिले हैं. 15 सितंबर से 5 अक्टूबर तक सभी जगह पर पराली जलाने के 690 मामले सामने आए हैं. अकेले हरियाणा में इस दौरान 48 केस मिले जबकि पिछले साल केसों की संख्या 24 थी यानि आंकड़ा बढ़कर ठीक डबल हो गया है. यूपी में पिछले साल 51 केस थे जो इस साल बढ़कर 80 हो गए हैं. दिल्ली में लास्ट ईयर इस समय तक कोई भी मामला रिकॉर्ड नहीं किया गया था. इस साल दिल्ली में भी 2 केस सामने आए हैं. राजस्थान में पिछले साल केसों की संख्या 1 थी इस साल यह बढ़कर 8 हो गए हैं. हालांकि मध्यप्रदेश में पराली जलाने के कम मामले सामने आए हैं.
600 करोड़ दिया, काम नहीं आया
वर्ष 2022 में लोग पराली कम जलाएं, इसके लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को करीब 600 करोड़ रुपए दिए लेकिन पिछले 20 दिन में जिस तरह से पराली जलाने के मामले दर्ज किए गए हैं. उससे लगता है कि सेंट्रल गवर्नमेंट की ओर से दिया गया पैसा स्टेट में काम नहीं आया है. सेंट्रल गवर्नमेंट ने पंजाब को 240 करोड़ रुपये, हरियाणा को 191 करोड रुपए, उत्तर प्रदेश को 154 करोड़ और इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च(ICAR) को 14 करोड़ रुपए दिए. इतना रुपया देने के बाद भी हालात नहीं सुधरे हैं.
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