(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Wheat Stock: केंद्र सरकार के पास गेहूं का 2.27 लाख टन बफर स्टॉक, देश में नहीं होगी खाद्यान्न की किल्लत
केंद्र सरकार के पास गेहूं का बडा भंडार है. गवर्नमेंट ने लोगों से कहा कि गेहूं की किल्लत को लेकर किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है.
Wheat Buffer Stock: इस साल देश में खाद्यान्न का संकट नहीं होने वाला है. केंद्र सरकार के रिकॉर्ड में भरपूर अनाज उसके कोटे में है. रिकॉर्ड के मुताबिक सरकार के पास सरकारी गोदामों में 227 टन गेहूं हैं, जबकि बफर का अनिवार्य बफर स्केल 205 लाख टन है. यानि देश में 22 लाख टन अधिक गेहूं का भंडारण है. सरकारी अधिकारियों का कहना कि किसी को भी परेशान होने की जरूरत नहीं है. सरकार के पास प्रॉपर खाद्यान्न भंडार है. अनाज की किल्लत किसी भी सूरत में नहीं होगी.
एक अप्रैल तक होगा 113 लाख टन खाद्यान्न
वर्ष 2022 में खाद्यान्न खरीद शुरू हो गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेंट्रल गवर्नमेंट के अफसरों का कहना है कि 1 अप्रैल 2023 तक गेहूं का आवश्यक बफर स्केल 75 लाख टन होना चाहिए, जबकि इस बार गेहूं खरीद की स्थिति को देखते हुए यह 113 लाख टन हो सकता है. FCI के पास बफर स्टॉक का जो लेवल है. वह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और अन्य योजनाओं के संचालन के लिए पर्याप्त है. अप्रैल से गेहूं खरीद शुरू होनी है. ऐसे में गेहूं का स्टॉक भी तेजी से बढ़ता जाएगा.
गेहूं की आवक सर्वाधिक
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार , गेहूं की आवक 2010 के बाद सबसे अधिक है. 2010 में यह 4.38 मिलियन टन थी. सरकार के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल से अगस्त तक गेहूं की आवक 20.90 मीट्रिक टन के तीन साल के उच्च स्तर पर है. 2019, 2020 और 2021 में गेहूं की आवक 22.95 मीट्रिक टन, 15.19 मीट्रिक टन और 17.51 मीट्रिक टन रही.
Export से गेहूं की कीमतों पर असर
गेहूं की कीमतें फिलहाल स्थिर चल रही हैं, क्योंकि सितंबर के पहले सप्ताह के समान ही अब 2,304.52 रुपये प्रति क्विंटल है. यूक्रेन रूस युद्ध के बीच निर्यात अधिक होने के कारण मई में कीमतें 2,500 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक की रिकॉर्ड ऊंचाई पर थीं। इससे FCI गेहूं की खरीद में 56 प्रतिशत की गिरावट आई, जो एक साल पहले 43.44 मीट्रिक टन के मुकाबले इस साल 18.9 मीट्रिक टन हो गई. गिरावट के चलते केंद्र सरकार ने 13 मई से गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.